इस समय गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. भगवान गणेश के भक्त 10 दिन तक उनकी भक्ति में लीन रहते हैं. गणेश चतुर्थी में लोग गणपति बप्पा के जयकारों के साथ उनकी मूर्ति की स्थापना कर उनका पूजन अर्चन करते हैं. साथ ही बप्पा को खुश करने के लिए उपासना करते हैं, लेकिन जब बात बप्पा को खुश करने की है तो मोदक का भोग लगाना भक्त कैसे भूल सकते हैं. लेकिन गणपति का पर्व हो और मोदक का जिक्र का न हो ऐसा संभव नहीं. यूं तो गणेश जी को कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, जैसे बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, गुड़ और नारियल से बनी चीजें जो उन्हें इत्यादि, लेकिन इन सब में बप्पा को सबसे प्रिय मोदक ही है. इसलिए त्योहार की तैयारियों के मद्देनजर बाजार में कई प्रकार के मोदक उपलब्ध हो गए हैं. Modak chana dal recipe at home for ganesh utsav . Ganesh utsav recipe .
गणेश उत्सव मोदक रेसिपी की श्रृंखला में हम आपके लिए लेकर आए हैं चना दाल मोदक. आपने चना दाल से बना हलुआ समेत कई चीजें खाई होंगी. इस बार आप चना दाल से बने मोदकों को जरूर वरीयता दें. चना दाल मोदक आपकी सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद है. तो देर किस बात की, सीखें आसान चना मोदक रेसिपी...
गणपति को क्यों हैं मोदक इतने प्रिय : शास्त्रों के अनुसार गणपति को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका होता है. गणपति को मोदक का भोग लगाना. यूं तो गणपति को कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, जैसे बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, गुड़ और नारियल से बनी चीजें जो उन्हें प्रिय हैं, लेकिन इन सब में सबसे प्रिय बप्पा को मोदक ही है. फिर चाहे मोदक को तमिल के कोझूकत्ताई, कन्नड़ के मोदका या फिर तेलुगु के कुडूम नाम से बोला जाए.गणपति को क्यों हैं मोदक इतने प्रियएक कथा के अनुसार भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश को ऋषि अत्रि और उनकी पत्नी अनुसूया ने भोजन पर आमंत्रित किया था. भोजन करने पहुंचे गणपति को बहुत जोर की भूख लगी थी, जिसके चलते अनुसूया ने सबसे पहले गणेशजी को भोजन कराने का निर्णय लिया. भोजन करने बैठे गणपति को अनुसूया ने खाना परोसना शुरू किया, लेकिन गणपति की भूख तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी. अनुसूया खाना परोसती जातीं और गणपति उसे खाते जाते मगर उनकी भूख शांत ही नहीं हो रही थी, जिसे देख वहां सब आश्चर्यचकित थे.पढ़ेंः प्रथम पूजनीय गणेश के हैं 108 नाम, जानिए उनकी महिमा