नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ कथित गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई को टाल दिया है. जस्टिस राजीव शकधर की बेंच ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे मीडिया संगठनों की ओर से दायर जवाब पर तीन हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करें. मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी.
मीडिया संगठनों ने देर से जवाब दाखिल किया
सुनवाई के दौरान कुछ मीडिया संगठनों ने याचिका का जवाब देर से दायर करने के लिए कोर्ट से माफी मांगी. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. मीडिया संगठनों की ओर से वकील संदीप सेठी ने कहा कि प्रोडक्शन हाउस को इस मामले में याचिका दायर करने का क्षेत्राधिकार नहीं है. तब प्रोडक्शन हाउस की ओर से वकील राजीव नय्यर ने कहा कि कोर्ट मीडिया संगठनों को अपमानजनक रिपोर्टिंग नहीं करने और प्रोग्राम कोड का पालन करने को कहकर इस याचिका का निस्तारण कर सकती है.
Pakistani funded नाम देने का आरोप
पिछल 9 नवंबर को कोर्ट ने संबंधित मीडिया संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील राजीव नय्यर और अखिल सिब्बल ने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री को न्यूज चैनलों ने kingpin of Bollywood, Pakistani funded, nepotistst इत्यादि नामों से पुकारा. राजीव नयन ने कहा था की न्यूज़ चैनलों ने अपने रिपोर्टिंग में कहा कि दीपिका पादुकोण ने माल देने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि न्यूज़ चैनलों ने कहा था कि क्या शाहरुख खान के खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए कोई कार्रवाई की जाएगी.
अपमानजनक रिपोर्टिंग करने पर रोक की मांग
सुनवाई के दौरान अखिल सिब्बल ने कहा था कि न्यूज़ चैनलों को अपमानजनक रिपोर्टिंग करने पर रोक लगाई जानी चाहिए. मीडिया स्व-नियमन का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने केस के लंबित होने के दौरान किसी मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर कोर्ट के फैसलों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा था कि न्यूज़ ब्रॉडकास्ट स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने भी कहा था कि सच्चाई जानने का मतलब यह नहीं है की मीडिया समूह किसी अभियुक्त के अधिकारों का उल्लंघन करें और उसकी जिंदगी तबाह कर दे. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या आपने मुआवजे की भी मांग की है. तब नायक ने कहा था कि नहीं. तब कोर्ट ने कहा था कि आप ट्रायल के दौरान मुआवजे की मांग कर सकते हैं.