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नई गाड़ी खरीदने से पहले करें पार्किंग का इंतजाम, नहीं तो हो सकती है ये परेशानी

अगर आप नई गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो पहले आपको पार्किंग के लिए उपलब्ध जगह की जानकारी देनी पड़ेगी. इसी आधार पर गाड़ी के परमिट का नवीनीकरण हो पाएगा या रजिस्ट्रेशन हो सकेगा.

गाड़ी खरीदने से पहले पार्किंग की जगह दिखानी होगी

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Published : Jun 15, 2019, 6:19 AM IST

Updated : Jun 15, 2019, 6:35 AM IST

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने राजधानी के लिए नई पार्किंग पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया है. जिस पर पहले रायशुमारी की जाएगी. उसके बाद इसे लागू किया जाएगा. इस ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक अगर आप गाड़ी खरीदने की तैयारी में हैं तो पहले ये तय कर ले कि आपके पास पार्किंग की जगह है या नहीं.

नए ड्राफ्ट पॉलिसी के तहत रिहायशी इलाके में कई इमारतों के सामने पार्किंग बनाने पर लोकल लोगों को पार्किंग की सुविधा दी जाएगी. यहां बाहरी लोग लोकल निवासियों की जगह घेर कर पार्किंग नहीं कर पायेंगे.

गाड़ी खरीदने से पहले पार्किंग की जगह दिखानी होगी


इसके अलावा अगर आप नई गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो पहले आपको पार्किंग के लिए उपलब्ध जगह की जानकारी देनी पड़ेगी. इसी आधार पर गाड़ी के परमिट का नवीनीकरण हो पाएगा या रजिस्ट्रेशन हो सकेगा.


सिंगापुर और सिक्किम राज्य की तर्ज पर नई गाड़ी खरीदने से पहले आपको पार्किंग की जमीन की जानकारी देनी होगी. वाहन मालिक को नगर निगम के ठेकेदार से 1 साल तक की पार्किंग के लिए अधिकृत पत्र भी होना चाहिए. जिसे परिवहन कार्यालय में जमा कराना होगा.


आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर

नई पार्किंग पॉलिसी के मुताबिक नगर निगम और एनडीएमसी को पार्किंग चार्ज वसूली के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. उन्हें पार्किंग मीटर लगाना होगा. कंप्यूटराइज पार्किंग स्लिप देने वाली मशीन रखनी होगी. जिसमें समय भी लिखा हो. एप आधारित पार्किंग शुल्क वसूली मॉनिटरिंग सिस्टम लागू होगा. कम देर के लिए पार्किंग करने वालों को ऑन स्ट्रीट पार्किंग की सुविधा मिलेगी. इसकी समय सीमा 1 घंटा तय होगी. लंबे समय तक पार्किंग के लिए अनुमति आसानी से नहीं मिलेगी. स्ट्रीट पार्किंग का डिजाइन इस प्रकार तैयार होगा कि पार्किंग करने, पैदल चलने और साइकिल चलाने वालों को दिक्कत न हो.


मल्टीलेवल पार्किंग

जहां भी सड़क पर चौराहा होगा. उस से 25 मीटर दूरी तक पार्किंग नहीं की जा सकेगी. फायर स्टेशन, बिजली सब स्टेशन के गेट के आसपास कोई पार्किंग सुविधा नहीं दी जाएगी. दुकानदारों, स्थानीय कामकाजी लोगों, कार्यालय आने-जाने वालों, जिन्हें लंबे समय तक पार्किंग करने की जरूरत है, उन्हें ऑफ स्ट्रीट मल्टीलेवल पार्किंग का सहारा लेना होगा. मल्टीलेवल पार्किंग का डिजाइन इस तरह बनाया जाएगा कि भविष्य में भी इसका उपयोग किया जा सके. मल्टी लेवल पार्किंग में ऑफिस के लिए जगह दी जाएगी.


नगर निगम और ट्रांसपोर्ट डिपो के लिए खास निर्देश

नगर निगम को रिहायशी इलाकों को छोड़कर दूसरी जगह तलाशनी होगी. जहां रात के समय भारी वाहनों को पार्किंग की अनुमति दी जा सके. रात के समय पार्किंग के लिए वाहन मालिक को जगह देनी होगी. दिन के समय यहां पार्किंग नहीं की जा सकेगी.
राजधानी के हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन और अंतर्राज्यीय बस अड्डों को इन्हीं नियमों के आधार पर पार्किंग सुविधा विकसित करनी होगी और दूसरी मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन पॉलिसी का पालन करना होगा.


रिहायशी कॉलोनी में खुले में पार्क करने की होगी अनुमति

शुक्रवार को जारी की गई पार्किंग पॉलिसी के मुताबिक रिहायशी कॉलोनी में खुले स्थान में पार्किंग की अनुमति होगी. स्थानीय नागरिकों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की सहमति से गलियों में पार्किंग व्यवस्था तय होगी. यहां पार्किंग चार्ज लगेगा. निगमों को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर पार्किंग चार्ज तय करना होगा.


इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए नगर निगमों को रात के समय पार्किंग की विशेष व्यवस्था करनी होगी. वहां पर चार्जिंग की भी व्यवस्था करनी होगी.

Last Updated : Jun 15, 2019, 6:35 AM IST

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