दिल्ली

delhi

ETV Bharat / briefs

किसानों के समर्थन में हैं, भारत बंद के नहीं: कैट

दिल्ली में भारत बंद का कोई खास असर दिखाई नहीं दिया. यहां आम दिनों की तरह व्यापारिक गतिविधियां चालू रहीं. ये कहना है कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम किसान के समर्थन में हैं, लेकिन भारत बंद के नहीं.

Effect of Bharat band in New Delhi
दिल्ली में भारत बंद का नहीं दिखा असर

By

Published : Dec 8, 2020, 3:58 PM IST

नई दिल्ली: किसानों के समर्थन में किसान संगठन और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा भारत बंद का आवाहन किया गया है लेकिन दिल्ली में भारत बंद का कोई खास असर दिखाई नहीं दिया. बाजारों में रोज़मर्रा की तरह व्यापारिक गतिविधियां चालू रहीं.

जानकारी देते कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल.

दिल्ली के सभी थोक बाज़ारों एवं रिटेल मार्केटों में अन्य दिनों की तरह सामान्य रूप से कारोबार हो रहा है. व्यापारियों के शीर्ष संगठन कनफेडेरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कल व्यापारियों द्वारा आज के भारत बंद में शामिल न होने की घोषणा की थी. वहीं दूसरी ओर देश के ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन आल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) ने भी दिल्ली सहित देश भर के ट्रांसपोर्ट सेक्टर के भारत बंद में शामिल न होने की घोषणा की थी. जिसके फलस्वरूप आज दिल्ली सहित देश भर में व्यापारिक और ट्रांसपोर्ट गतिविधियां चालू रहीं है.

सामान्य रुप से हुईं व्यापारिक गतिविधियां

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की दिल्ली में लगभग10 लाख से अधिक एवं देश भर में 7 करोड़ से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले एवं कारोबार हुआ. साथ ही सभी व्यापारिक एवं ट्रांसपोर्ट गतिविधियां और दिनों की तरह ही हुईं.

ट्रांसपोर्ट में भी कोई असर नहीं

ऐटवा के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल और राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने दावा किया कि देश में परिवहन व्यवसाय भी अन्य दिनों की तरह आज भी पूरी तरह से चालू है. देशभर में लगभग 30 हजार ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और लगभग एक करोड़ ट्रांसपोर्ट कंपनियां और कोरिअर कंपनिया हैं. जिनकी गतिविधियां आज सामान्य रूप से चालू रहीं.

किसानों का इस्तेमाल कर रहीं राजनीतिक पार्टियां

प्रवीन खंडेलवाल ने किसान आंदोलन को देश के विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा हाईजैक करने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की अपने निहित स्वार्थों के चलते विभिन्न राजनैतिक दल किसानों के हमदर्द होने का नाटक कर रहे है. किसानों को अपनी राजनैतिक पिपासा के लिए ये सभी राजनीतिक दल मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. देश का किसान बेहद समझदार है और वो इन दलों के झांसे में आने वाला नहीं है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details