साबरकांठा:गुजरात के जामडा गांव की रहने वाली महिला युवराजकुमारी सिंह राठौर, स्थानीय लोगों के बीच गौ सेवक के रूप में जानी जाती हैं. इसका कारण है कि युवराजकुमारी यहां एक ऐसी गौशाला को संचालित करती हैं जो न सिर्फ गायों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है, बल्कि समाज के सामने संसाधनों को उच्च स्तर पर उपयोग करने का उदाहरण भी पेश करता है.
राजस्थान के एक विश्वविद्यालय से गृह विज्ञान में पारंगत युवराजकुमारी को शिक्षित होने का किंचित मात्र भी अभिमान नहीं है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरकांठा की महिलाओं से बातचीत की जिसके दौरान उन्होंने पूछा की क्या यहां कोई महिला 100 से ज्यादा गायों की मालिक है? इसपर उन्होंने जवाब दिया कि उनके पास करीब 120 गाय हैं. उन्होंने बताया कि वह पैसे के लिए नहीं बल्कि अपने पशु प्रेम के चलते गौशाला संचालित करती हैं.
युवराजकुमारी की आधुनिक गौशाला इसके बारे में युवराजकुमारी बताती हैं कि कुछ सालों पहले उनकी सास ने बताया था भगवान शंकर को जर्सी गायों का दूध नहीं चढ़ाया जाता. इसके बाद उन्होंने न सिर्फ पंजाब, हरियाणा और गुजरात में 500 से अधिक गौशालाओं का दौरा किया, बल्कि पशु प्रजनन गतिविधियों को देखने के लिए ब्राजील भी गईं. वापस आकर उन्होंने गिर गायों पालन शुरू किया और आज उनके गौशाला में 120 गाय हैं. उन्होंने बताया कि सभी गायों को चारा डालते समय संगीत के माध्यम से उनका मनोरंजन भी किया जाता है. उन्होंने हर गाय को एक अलग नाम भी दिया हुआ है.
यह भी पढ़ें-गजब का पशु प्रेम: भक्तों ने हथिनी के लिए मंदिर में दान की 12 हजार की सैंडल
उन्होंने आगे बताया कि उनकी गौशाला में गायों के लिए सर्वोत्तम वातावरण, पानी की सुविधा, चारा, उनके मल-मूत्र के समुचित उपयोग के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन जैसी कई छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाता है. इससे वे आसपास के क्षेत्रों में गाय के दूध और उसके उत्पादों जैसे घी, पनीर और दही बेचती हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने गायों से गोमूत्र-गोबर एकत्र करने और उसे उर्वरक के रूप में उपयोग करने के लिए, भूमिगत जल निकासी व्यवस्था स्थापित करने के साथ बड़े टैंक भी बनवाए हैं. इसमें गायों का मल-मूत्र एकत्र कर गौ-बैक्टीरिया मिलाए जाते हैं जिसके बाद इससे मशीन से खाद बनाई जाती है. इस प्राकृतिक खाद को खेती में उपयोग करने के साथ बेचा भी जाता है. आज अपने क्षेत्र में गाय पालन के लिए वे कई महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं.