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New Parliament Building : संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी TDP, YSRCP और SAD

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Published : May 24, 2023, 1:41 PM IST

Updated : May 24, 2023, 3:22 PM IST

दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के विपक्ष के बहिष्कार के फैसले का वाईएसआरसीपी, टीडीपी और शिअद ने मानने से इनकार कर दिया है. ये तीनों पार्टियां समारोह में शामिल होने वाली हैं. दोनों पार्टियों के नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है.

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नई दिल्ली : नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का विपक्ष के बहिष्कार के ऐलान के बाद अब तीन पार्टियों ने अपना फैसला बदल दिया है. पहले वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी) और टीडीपी ने समारोह में शामिल होने की बात कही. अब इनके साथ शिरोमणि अकाली दल (SAD) भी सुर से सुर मिला रहा है. बुधवार को वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी) और टीडीपी ने पुष्टि की कि वे 28 मई को संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी.

टीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने जहां इस बात की पुष्टि की है. वहीं, वाईएसआरसीपी सांसद विजयसाई रेड्डी ने भी इस समारोह में शामिल होने पर सहमति जतायी है. शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, "नए संसद भवन का उद्घाटन देश के लिए गर्व की बात है. इसलिए हमने फैसला किया है कि शिरोमणि अकाली दल 28 मई को उद्घाटन समारोह में शामिल होगा. हम विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सहमत नहीं हैं."

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का कांग्रेस, आप, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), माकपा, राजद समेत 19 दलों ने ऐलान किया है. एक बयान में, राजद सांसद मनोज झा ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में जब हमें पता चला कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं, तो हमने सुझाव दिया था कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए. यह संसदीय प्रणाली की परंपरा के अनुसार होता, लेकिन प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते." उन्होंने, "20-25 साल बाद जब इतिहास लिखा जाएगा, तो लोगों को पता चलेगा कि विपक्षी दलों ने संविधान को सर्वोच्च मानते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था. हम अभी भी प्रधान मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे इसमें सुधार करें."

वहीं, 19 विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को बहिष्कार किए जाने पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "यह ऐतिहासिक क्षण है. इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए. बहिष्कार कर एक बिना-बात का मुद्दा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं उनसे अपने इस निर्णय पर फिर से विचार करने की अपील करुंगा और कृपया कर इसमें शामिल हों. स्पीकर संसद का संरक्षक होता है और स्पीकर ने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है."

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Last Updated : May 24, 2023, 3:22 PM IST

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