तिरुवनंतपुरम/कोच्चि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का आज से दो दिवसीय केरल दौरा शुरू हो रहा है, जिस दौरान वह यहां वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके साथ-साथ वे ईसाई समुदाय के वरिष्ठ पादरियों के साथ बैठक करेंगे और एक युवा कार्यक्रम सहित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे. भाजपा प्रधानमंत्री के दौरे को केरल में युवाओं और अल्पसंख्यकों को अपने पाले में लाने के उद्देश्य से अपने सम्पर्क अभियान को आगे बढ़ाने के लिए उपयोग करना चाहती है.
बंदरगाह शहर कोच्चि में सोमवार को एक रोडशो के बाद प्रधानमंत्री वहां एक युवा कार्यक्रम-युवम 2023 में शामिल होंगे, जिसके बारे में भाजपा को उम्मीद है कि यह कार्यक्रम केरल की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा. हालांकि, सबसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण घटना कोच्चि में शाम को ईसाई नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठक होगी. यह बैठक भाजपा के सम्पर्क अभियान 'स्नेह यात्रा' के मद्देनजर होगी जिसके तहत केरल में भाजपा के नेताओं ने ईसाई और मुस्लिम नेताओं और इन अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के घरों का क्रमश: ईस्टर और ईद जैसे त्योहारों के अवसर पर दौरा किया.
भाजपा के मुताबिक, सम्पर्क अभियान को अनुकूल प्रतिक्रिया मिली है क्योंकि हाल ही में ईसाई समुदाय के कई सदस्य पार्टी में शामिल हुए हैं और प्रधानमंत्री के दौरे से पहले भी कथित रूप से पार्टी में शामिल होने के लिए आगे आए हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा है कि प्रधानमंत्री के आने के बाद इनकी संख्या बढ़ेगी. भाजपा के सम्पर्क अभियान को हाल ही में उस समय बल मिला जब प्रभावशाली सीरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के एक वरिष्ठ बिशप थालास्सेरी आर्कबिशप मार जोसेफ पैम्प्लानी ने कहा कि अगर केंद्र ने रबर खरीद की दर को बढ़ाकर 300 रुपये प्रति किलोग्राम करने का वादा किया तो दक्षिणी राज्य से पार्टी की सांसद की कमी को दूर किया जाएगा. इसके बाद, भाजपा नेताओं द्वारा ईसाई पादरियों से मुलाकातों की संख्या में वृद्धि हुई.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब गिरजाघर के नेता प्रधानमंत्री से मिल रहे हैं. तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2015 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, गिरजाघर के कई नेताओं ने कोच्चि में उनसे मुलाकात की थी, जब वह त्रिशूर जाने के लिए राज्य में आए थे. मुरलीधरन ने कहा कि उनका मानना है कि गिरजाघर के नेता मोदी के लिए प्यार और सम्मान के कारण प्रधाननंत्री से मिल रहे हैं और उन्होंने यह नहीं कहा था कि इसका वोट से कोई लेना-देना है.