मुंबई :ठाणे के एक युवा उद्यमी को स्थानीय भाषा में गुलवेल सत्व के नाम से मशहूर गिलोय के लिए 1.5 करोड़ का ठेका मिला है. वह इस अनोखे व्यवसाय से सैकड़ों जनजातियों को रोजगार दे रहे हैं.
सुनील पवार उन युवाओं में हैं जो जंगल में पाए जाने वाले प्राचीन औषधीय पौधों में व्यापार के अवसर तलाशते हैं. सुनील पवार ठाणे जिले की शाहपुर तहसील के खारीद के रहने वाले हैं. वह एक आदिवासी समुदाय से हैं और जनजातियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कई औषधीय पौधों को जानते हैं.
गिलोय के औषधीय लाभ जानते हैं सुनील
वह एक अच्छे इम्युनिटी बूस्टर के रूप में गिलोय के औषधीय लाभ जानते हैं. उन्होंने दो साल पहले गिलोय इकट्ठा कर कंपनियों को मुहैया कराने का कारोबार शुरू किया था. वह इस व्यवसाय से सालाना 3 से 5 लाख कमाते हैं. लेकिन कोरोना संकट ने उनके कारोबार को बढ़ावा दिया क्योंकि गिलोय की मांग पहले से कई गुना बढ़ गई है. इसका नतीजा यह हुआ कि सुनील को बड़ी कंपनियों को गिलोय उपलब्ध कराने के लिए 1.57 करोड़ रुपये का ठेका मिला.