नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया है. इसीक्रम में गुरुवार को बैठक में शामिल होने के लिए गुपकार अलायन्स के नेता भी दिल्ली पहुंच गए. बैठक के लिए गुपकार अलायन्स ने अपनी तरफ से कोई एजेंडा तय नहीं किया है लेकिन वह जरूर चाहेंगे कि उनके तमाम सवालों के जवाब दिए जाएं.
यह बातें ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में घाटी में सीपीएम के वरिष्ठ नेता और गुपकार गुपकार अलायन्स के प्रवक्ता यूसुफ तारिगामी ने कहीं. हालांकि इस अहम बैठक के बारे में तमाम कयासों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस बैठक का एजेंडा क्या होगा? प्रधानमंत्री कश्मीर के नेताओं के सामने क्या प्रस्ताव रखेंगे और नेताओं का समूह किन मुद्दों पर प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करना चाहता है?
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वहीं तारिगामी ने बैठक के एजेंडा पर कहा कि यह प्रधानमंत्री तय करेंगे कि बातचीत का एजेंडा क्या होगा क्योंकि नेताओं को उन्होंने ही बुलाया है. उन्होंने कहा कि अभी नेताओं को इस बात का कोई इल्म नहीं है कि प्रधानमंत्री उनसे किन बातों पर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन 5 अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 A हटाए जाने के बाद पहली बार सरकार ने बातचीत की पहल की है और पीएम ने उन्हें दिल्ली आमंत्रित किया है.
उम्मीद है कि उनके कई सवालों के जवाब मिल पाएंगे. तारिगामी ने कहा कि जब जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाया गया और वहां पर केंद्र का शासन लगाया गया तब वहां के लोगों से, वहां के नेताओं और यहां तक कि संसद में भी इस बात पर चर्चा नहीं की गई. लोगों पर निर्णय थोप दिया गया. उन्होंने कहा कि आज कश्मीर, लेह, कारगिल और जम्मू के लोग अपना वही सम्मान वापस चाहते हैं.
यूसुफ तारिगामी ने कश्मीर से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री उनके सामने क्या प्रस्ताव रखेंगे यह उन्हें बेशक पता नहीं है लेकिन वह अपनी बातें और कश्मीर से जुड़े अहम मुद्दे जरूर उनके सामने रखेंगे.