लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक (Yogi government) में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए हैं. कैबिनेट बैठक में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जेल में बंद मो. आजम खान के जौहर अली ट्रस्ट को पूर्व में लीज पर दी गई करोड़ों रुपए की जमीन वापस लेने का बड़ा फैसला हुआ है. यह आजम खान के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है. पिछले काफी समय से न्यायालय के स्तर पर उन्हें लगातार झटके लग रहे हैं और पूर्व में हुई अनियमितताओं के मामले में उन्हें सजा मिल रही है.
कैबिनेट बैठक में रामपुर में मौलाना मो. जौहर ट्रस्ट को माध्यमिक शिक्षा विभाग की लीज पर दी गई मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिए दी गई 41 हजार वर्गफीट जमीन को वापस लेने का फैसला हुआ है. जौहर ट्रस्ट द्वारा 30 साल के लिए सरकार से लीज पर मिली जमीन की शर्तों का पालन नहीं किया गया. ऐसे में योगी सरकार ने ट्रस्ट से जमीन वापस लेने का फैसला किया है. संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंगलवार को लोकभवन में बताया कि कैबिनेट बैठक में रामपुर में मौलाना जौहर अली संस्थान को आवंटित 41 हजार वर्ग फ़ीट जमीन वापस लेने के प्रस्ताव को पास किया गया है. लीज शर्तों का उल्लंघन करने पर जमीन वापस लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग को दी जाएगी. इस जमीन पर राजनीतिक दल का कार्यालय बनाया गया था. अब सरकार ने इस जमीन को वापस लेने के फैसले को मंजूरी प्रदान की है. उल्लेखनीय है कि सपा सरकार ने 2007 में शर्तों की अनदेखी करके इस जमीन को जौहर ट्रस्ट को मात्र 100 रुपए सालाना किराये पर दिया था.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 'रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को यह जमीन 30 वर्ष के लिए मात्र 100 रुपए वार्षिक की दर से पट्टे पर दिया गया था. अब इस जमीन को वापस लेने का फैसला किया गया है. जौहर ट्रस्ट को दी गई भूमि से संबंधित पट्टा विलेख की शर्तों के उल्लंघन के संबंध में जिलाधिकारी रामपुर ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित की थी. इस समिति ने जांच के बाद शासन को जो आख्या भेजी थी, उस पर विचार करने के बाद जमीन वापस लेने का कैबिनेट में मंगलवार को फैसला किया गया है. 41 हजार 181 वर्ग फुट क्षेत्रफल वाली इस जमीन का स्वामित्व अब राज्य सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास होगा.'