मिर्जापुर: भारतीय जनता पार्टी के मिर्जापुर सदर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्रा इन दिनों विंध्य पर्वत की चट्टान पर तपस्या में लीन हैं. उन्होंने अपना घर और परिवार छोड़ दिया है. वह चट्टान पर सो रहे हैं और एक टाइम ही फल और दूध का अल्पाहार ले रहे हैं. आखिर वह कौन सी साधना कर रहे हैं चलिए आगे जानते हैं.
गुफा में कर रहे तपस्या
मिर्जापुर सदर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्रा मां विंध्यवासिनी मंदिर के तीर्थ पुरोहित हैं. इसके साथ ही वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट से वह यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में सदर सीट से विधायक निर्वाचित किए गए. इसके बाद दूसरी बार यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में वह लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए. विधायक कार्तिक महीने में 15 दिनों तक विंध्य पर्वत पर साधना करते हैं. विधायक घर की सारी सुविधाओं को छोड़ कर कार्तिक के महीने के सप्तमी तिथि के दिन विंध्य पर्वत की चट्टान पर चढ़ जाते है. वहां विधायक एक चट्टान जैसी गुफा में रहकर तपस्या करते हैं. ऐसा वह पिछले 30 सालों से करते आ रहे हैं. यही नहीं विधायक चट्टान पर सोते भी है. यहां वह खाने में केवल एक केला, एक सेब और एक पाव दूध का अल्पहार लेकर साधना में लीन रहते हैं.
किसी से टच नहीं होता शरीर
यही नहीं तपस्या के दौरान विधायक न तो किसी से मिलते हैं और न ही किसी से बात करते हैं. अगर किसी को मिलना होता है तो वह केवल आरती और प्रसाद वितरण के समय शाम को ही मुलाकात करते हैं. पूरे साधना के दौरान विधायक का शरीर किसी से टच नहीं होता है. वह लोगों को प्रसाद भी अपने हाथ से दूर से ही देते हैं.
विंध्य पर्वत पर ही करते हैं विश्राम
विधायक पंडित रत्नाकर मिश्रा की कार्तिक महीने के 15 दिन की दिनचर्या में वह पहाड़ पर पहुंचते हैं. यहां विधायक रात्रि 2 बजकर 30 मिनट पर उठ जाते हैं. इसके बाद 3 बजे सुबह से वह पूजा-पाठ शुरू कर देते हैं. इसी तरह पूजा-पाठ वह दोपहर और शाम को भी करते हैं. शाम को आरती करने के बाद पहाड़ के आस-पास गांवों से आए हुए बच्चों को प्रसाद वितरण करते हैं. इसके साथ ही दूर-दराज से आए हुए लोगों को मुलाकात करते हैं. फिर विंध्य पर्वत पर विश्राम के लिए चले जाते हैं.