लखनऊ : उत्तर प्रदेश में महज अपने मुनाफे के लिए लोगों की जान की परवाह न करते हुए जो माफिया अभी भी नकली व जहरीली शराब बनाने व बेचने में लगे हुए हैं, उनके खिलाफ अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है.
योगी सरकार ने जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर रोक लगाने के लिए आबकारी अधिनियम में संशोधन कर फांसी का प्रावधान कर दिया. यही नहीं, योगी सरकार ने लोगों की जान से खेलने वाले 586 शराब माफिया को चिन्हित कर 3421 मुकदमे दर्ज किए हैं.
शराब माफिया के सिंडिकेट पर योगी सरकार सख्त अब तक 534 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. सरकार ने अब तक 101 शराब माफियाओं की 13 करोड़ से ज्यादा कीमत की संपत्ति जब्त की है.
यूपी में योगी सरकार ने पहली बार आबकारी अधिनियम में संशोधन कर फांसी तक की सजा का प्रावधान किया है. ऐसा देश में पहली बार हुआ है, अन्यथा अब तक आबकारी अधिनयम के तहत शराब माफिया को फांसी की सजा सुनाए जाने का प्रावधान नहीं था. शराब उपभोक्ताओं के जीवन से खिलवाड़ करने वालों के लिए योगी सरकार ने काल का रूप अख्तियार कर लिया है.
आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव संजय भुसरेड्डी के मुताबिक, 26 अगस्त से 5 सितंबर तक शराब माफिया पर 2807 मुकदमे दर्ज किए हैं. इसके साथ ही 73,660 लीटर अवैध शराब भी जब्त की गई है. अवैध शराब माफिया पर योगी सरकार का चाबुक लगातार जारी है. सरकार मासूम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले शराब माफिया को बख्शने के बिल्कुल भी मूड में नहीं है. यही वजह है कि लगातार ताबड़तोड़ एक्शन लिए जा रहे हैं.
अकेले अलीगढ़ में बीते मई माह में जहरीली शराब के मामले में 87 आरोपियों को जेल भेजा गया था और नौ मुकदमों में 73 आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई. साथ ही 80 शराब तस्करों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है. अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 74 अभियुक्तों के खिलाफ नौ गैंग पंजीकृत किए गए हैं.
अलीगढ़ जिले में शराब माफिया से 70 करोड़ 71 लाख से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है और एक करोड़ 59 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई चल रही है.
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