नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश को लेकर दो दिन तक चली राजनीतिक कवायद ने राजधानी दिल्ली का सियासी पारा और गरमा दिया है. उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं, विधायकों और मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच बढ़ रहे असंतोष और तालमेल के अभाव को देखते हुए सीएम को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया था और अलग-अलग नेताओं ने लगातार दो दिन तक मंथन किया. पार्टी विश्वस्त सूत्रों का यह कहना है कि सीएम योगी के साथ हुई चर्चा के बाद उत्तर प्रदेश के लिए एक महा प्लान तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही राज्य में कार्यान्वित किया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो जल्द ही पावर का डिसेंट्रलाइजेशन भी किया जाना है, इसके अलावा राज्य में खाली पड़े मंत्रियों के पद को भी जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार कर भरा जाना है, यही वजह है कि पार्टी ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली तलब किया गया था और सभी मुद्दों पर एक अंतिम फैसला कर इन नेताओं ने मोहर लगाकर मुख्यमंत्री को वापस लखनऊ भेजा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इन दो दिनों के अंतराल में सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उसके बाद गृहमंत्री की अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल से भी मुलाकात हुई. इसे भी मंत्रिमंडल विस्तार के लिए अपना दल को समाहित किए जाने का एक संकेत माना जा रहा ह.
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने अपने दौरे के पहले दिन यानी गुरुवार को ही देर रात पार्टी में अभी-अभी शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व नेता जतिन प्रसाद से भी मुलाकात की जिससे यह भी माना जा रहा है कि यदि उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार होता है, तो केंद्र के निर्देश पर जतिन प्रसाद और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और वर्तमान में यूपी से एमएलसी एके शर्मा को भी महत्वपूर्ण पद दिए जा सकते हैं.
यही नहीं योगी आदित्यनाथ के दौरे के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने पहले प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उसके बाद पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. इन तीनों ही मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने अपने निवास पर गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा को बुलाकर योगी के दिल्ली से लखनऊ रवाना होने से पहले ही बैठक की ताकि 2 दिन की चर्चा के दौरान निकल कर आई बातों पर एक आम राय बनाई जा सके.
सूत्रों की माने तो योगी आदित्यनाथ को आलाकमान की तरफ से पार्टी और सरकार के बीच तालमेल बढ़ाने,जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार करने ,पावर का डिसेंट्रलाइजेशन करने और किसान आंदोलन से हुए नुकसान की भरपाई करने के अलावा ,कोविड-19 मिसमैनेजमेंट पर डैमेज कंट्रोल करने के साथ साथ पूर्वांचल को लेकर विकास कार्य में ज्यादा ध्यान देने और पार्टी के विधायकों कार्यकर्ताओं और गठबंधन के नेताओं के साथ तालमेल बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक योगेश मिश्रा से बातचीत की जिस पर उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में सरकार मंत्रियों और विधायकों के बीच संकट तो है ,तालमेल का अभाव भी साफ नजर आ रहा है, इसलिए यह कहना कि सरकार में सब कुछ ठीक है यह गलत होगा.