नई दिल्ली :भारत और पाकिस्तान द्वारा साझा की जाने वाली साझा विरासत (common heritage) में अब योग भी शामिल हो गया है. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) से एक दिन पहले, विश्व योग दिवस को चिह्नित करने के लिए लोग रविवार की सुबह रावलपिंडी के एक सार्वजनिक पार्क (Rawalpindi's public park) में बड़ी संख्या में पहुंचे.
इन लोगों में पुरुष, महिलाएं, बूढ़े और बच्चे शामिल थे, जो समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से जोड़ने की इस प्राचीन प्रथा में बढ़ती रुचि (growing interest) का संकेत है.
पाकिस्तान में योग दिन-ब-दिन (day by day ) लोकप्रिय होता जा रहा है और अब यह एक आवश्यकता बन गया है. योग से व्यक्ति को केवल लाभ मिलता है, इससे कोई हानि नहीं होती और इसलिए जिसने भी योग किया है, उसने इसे अपने जीवन का अंग बना लिया है.
हर सुबह रावलपिंडी से इस्लामाबाद (Rawalpindi to Islamabad) तक लोग योग का अभ्यास करने के लिए सार्वजनिक पार्कों में उमड़ते हैं. योग ग्रैंडमास्टर शमशाद हैदर (Yoga grandmaster Shamshad Haider), जो रावलपिंडी में अपने मुख्यालय के साथ प्रमुख योग स्कूलों (yoga schools) की एक श्रृंखला चलाते हैं.
उन्होंने पाकिस्तान से फोन पर ईटीवी भारत को बताया कि उनके योग क्लब ( yoga club) में 20,000 से अधिक सदस्य हैं, जिन्हें लगभग 100 योग शिक्षकों द्वारा योग सिखाई जाती है. उनके क्लब का नारा भी आकर्षक है 'पार्कों को भरें, अस्पतालों खाली करें.' सिर्फ रावलपिंडी ही नहीं, कराची, मुल्तान, फैसलाबाद और लाहौर में भी योग तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
एक समान वंश से जन्मे, भारत और पाकिस्तान अब तक तीन युद्ध लड़ चुके हैं और दोनों देशों के बीच सीमा पर कई झड़पें भी हो चुकी हैं. दोनों पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंध भी अच्छे नहीं रहे हैं.