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Year Ender 2022 Nupur Sharma Controversy : पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर विवादों में आईं नुपूर

बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी से बवाल मच गया. इसकी गूंज विदेशों में भी सुनाई दी. नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए. सउदी अरब और कतर समेत कई मुस्लिम देशों ने नाराजगी जाहिर की. सरकार को इन्हें 'फ्रिंज एलीमेंट' तक कहना पड़ गया. पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया.

nupur sharma
नुपूर शर्मा

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Published : Dec 28, 2022, 12:47 PM IST

हैदराबाद : एक टेलीविजन चैनल पर डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर नुपूर शर्मा विवादों में आ गईं. विवाद इतना बढ़ा कि भाजपा को उन्हें निलंबित करने की घोषणा करनी पड़ी. मध्य पूर्व के 12 से अधिक देशों ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर की. कुछ समय तक ऐसी स्थिति हो गई थी कि भारत को कूटनीतिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा. नुपूर के साथ-साथ भाजपा दिल्ली मीडिया के प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी ने निष्कासित कर दिया.

मो. जुबैर और नुपूर शर्मा

भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा, 'पार्टी ऐसी किसी भी विचारधारा के बिल्कुल ख़िलाफ़ है, जो किसी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है. वह सभी धर्मों आदर करती है और किसी भी धार्मिक महापुरुष के किसी अपमान का पुरजोर निंदा करती है.' जिस समय नुपूर को भाजपा ने निलंबित किया, उस समय वह पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता थीं. पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद नूपुर ने स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा, 'मैं बिना शर्त अपना बयान वापस ले रही हूं.' उन्होंने कहा कि मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिवजी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ बातें कह दीं.

नुपूर के समर्थन में नेपाल में प्रदर्शन

नुपूर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर आयोजित बहस में हिस्सा ले रहीं थीं. नुपूर के बयान का एक वीडियो फैक्ट चेकर जुबैर ने ट्वीट कर दिया. जुबैर के ट्वीट करते ही विवाद का स्तर विकराल हो गया. नुपूर और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई. नुपूर ने दिल्ली पुलिस से मामले की शिकायत की. उन्होंने जुबैर पर माहौल को खराब करने और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया.

नुपूर शर्मा विवाद

उनके बयान के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रदर्शन का स्वरूप हिंसक हो गया. योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसमें भाग लेने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, उन्हें हिरासत में लिया गया. नुपूर के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में कई एफआईआर दर्ज किए गए. नुपूर इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गईं. उन्होंने सारे मामलों को एक जगह यानी दिल्ली में स्थानान्तरित करने की अपील की.

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के साथ नुपूर शर्मा

उनकी अपील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज ने नुपूर शर्मा पर काफी तीखी टिप्पणी की. जज ने नूपुर शर्मा के बयानों को उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण वारदात के लिए जिम्मेदार बताया. उदयपुर में दो चरमपंथियों ने कन्हैया लाल नाम के एक दर्जी की गला काटकर हत्या कर दी थी. कन्हैयालाल के बेटे ने ट्वीट में नुपूर के बयान का समर्थन किया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनके बयान को 'तकलीफदेह' बताया और कहा- 'उनको ऐसा बयान देने की क्या ज़रूरत थी ? अगर आप एक पार्टी की प्रवक्ता हैं, तो आपके पास इस तरह के बयान देने का लाइसेंस नहीं है.' कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद नुपूर ने अपनी याचिका वापस ले ली. कोर्ट ने कहा था कि उन्हें टीवी पर जाकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'जिस तरह से नूपुर शर्मा ने देशभर में भावनाओं को उकसाया, वैसे में देश में जो भी हो रहा है उसके लिए वो अकेली जिम्मेदार हैं.' अदालत ने नूपुर शर्मा के वकील से ये भी कहा, 'जब आपके खिलाफ एफआईआर हो और आपको गिरफ़्तार नहीं किया जाए, तो ये आपकी पहुंच को दिखाता है. उन्हें लगता है उनके पीछे लोग हैं और वो गैर जिम्मेदार बयान देती रहती हैं.' न्यायाधीश सूर्यकांत और जेबी परदीवाला की अवकाशकालीन बेंच ने शर्मा को हाई कोर्ट जाने को कहा.

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