हैदराबाद : साल 2021 की विदाई हो रही है. पिछले 12 महीनों में देश में कई बड़ी घटनाएं हुईं, जो आने वाले समय में देश का भविष्य तय करेगा. मगर वर्ष 2021 में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, ब्रेकिंग वाली कैटिगरी में शामिल तो नहीं हुईं मगर ये खबरें हमेशा के लिए जेहन में बस गईं. जानिए 2021 की कुछ रोचक घटनाएं
1. RBI ने बदले किसान के जले नोट
बाबू रेडानी के जले नोट बदले गए. गुजरात के कच्छ के रण में एक जिला है सुरेंद्रनगर. वहां रहने वाले नमक बनाने वाले किसान बाबू रेडानी (65) के घर में आग लग गई थी. इस हादसे में उनके रुपये भी जल गए. परेशान बाबू रेडानी जले हुए नोटों को लेकर बैंक में पहुंच गए, जहां से अधिकारियों ने उन्हें अहमदाबाद के आरबीआई दफ्तर भेज दिया. आरबीआई ने जनवरी में उनके जले हुए नोट बदल दिए. जब उन्हें 6,450 रुपये के करारे नोट मिले, तो उन्होंने राहत की सांस ली.
2. डॉग स्कवॉड की ASP को दी अनोखी श्रद्धांजलि
मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में बनी ASP टिंकी की प्रतिमा. इसका अनावरण उनके मेंटॉर ने किया था. दूसरी दिल छू लेने वाली खबर उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से आई थी, जहां यूपी पुलिस ने डॉग स्क्वॉड की मेंबर टिंकी की मौत के बाद उसका स्टेच्यू बनवाया था. पुलिस की डॉग स्क्वॉड में शामिल टिंकी को ASP का दर्जा हासिल था. ASP टिंकी ने मुजफ्फरनगर पुलिस में काम करते हुए 49 घटनाओं का खुलासा किया था. 2020 में टिंकी की मौत हो गई. तब मुजफ्फरनगर पुलिस विभाग ने अपने एक शानदार अधिकारी की याद में उसकी प्रतिमा बनवाई.
3. भीमबेटका में मिला दुनिया का सबसे पुराना जीव
भीमबेठका में मिला फोसिल्स. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 40 किलोमीटर दूर एक यूनेस्को साइट है, भीमबेटका रॉक शेल्टर. यह आदिमानव द्वारा बनाई गई रॉक पेंटिंग और गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है. 2021 में यहां शोधकर्ताओं को डिकिंसोनिया का पहला जीवाश्म मिला. इस जीवाश्म को पृथ्वी का 'सबसे पुराना जानवर' कहा गया, क्योंकि यह 570 मिलियन वर्ष पुराना है. गोंडवाना रिसर्च के मुताबिक डिकिंसोनिया के जीवाश्म 4 फीट से अधिक लंबे हो सकते हैं, लेकिन भीमबेटका में पाए जाने वाले जीवाश्म 17 इंच लंबे हैं.
4. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की पहली भारतीय छात्र नेता
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में छात्र यूनियन की प्रेसिडेंट बनीं रश्मि सामंत. 2021 में विदेशों में रहने वाले कई भारतीयों ने उपलब्धि हासिल की. उनमें से एक हैं कर्नाटक के मणिपाल की रश्मि सामंत. रश्मि सामंत ऑक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष चुनी गईं. इस पद पर काबिज होने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की एलुमनी रह चुकी रश्मि लिनक्रे कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ रही हैं. वहां स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में रश्मि सामंत ने जीत हासिल की.
5. 60 साल में पहली बार नागालैंड विधानसभा ने बजाया राष्ट्रगान
नागालैंड विधानसभा में पहली बार बजा राष्ट्रगान. 2021 में नागालैंड की विधानसभा में भी इतिहास बना. वहां 60 साल में पहली बार नागालैंड विधानसभा ने राष्ट्रगान बजाया गया. एक दिसंबर, 1963 को असम से काट कर नागालैंड को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था. इसके बाद से वहां की विधानसभा में राष्ट्रगान नहीं बजाया जाता था. विधानसभा अध्यक्ष शारिंगेन लॉन्गकुमेर ने फरवरी के बजट अधिवेशन शुरू होने के मौके पर राज्यपाल के अभिभाषण से पहले राष्ट्रगान चलाने का फैसला किया. इसके लिए राज्य सरकार से भी पहले अनुमति ले ली गई थी.
6. इसरो ने अंतरिक्ष में भेजे अमरेकी सैटेलाइट
अमेरिकी सैटेलाइट को ले जाने वाला PSLV-C51 फरवरी 2021 में इसरो ने श्रीहरिकोटा वर्कहॉर्स पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C51)लॉन्च किया था. यह देश में अपनी तरह का पहला स्पेस मिशन है था. PSLV-C51 अपने साथ ब्राजील के सैटेलाइट एमेजोनिया-1 समेत 18 अन्य उपग्रह लेकर अंतरिक्ष में गया था. इस लॉन्च की खास बात यह रहा कि इनमें 13 सैटेलाइट अमेरिका के हैं. इसके साथ भगवदगीता भी अंतरिक्ष में भेजी गई थी.
7. दमानी भाइयों ने खरीदा 1001 करोड़ का बंगला
मुंबई में दमानी ब्रदर्स का बंगला 2021 के दौरान भारत में अरबों रुपये की प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री हुई मगर उनमें से मुंबई में बिका एक बंगला सुर्खियों में रहा. डीमार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी और उनके भाई गोपीकिशन दमानी ने दक्षिण मुंबई के मलाबार हिल्स इलाके में नारायण दाभोलकर रोड पर एक बंगला 1,001 करोड़ रुपये में खरीदा. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, दमानी ने 31 मार्च को 3 फीसदी स्टांप ड्यूटी देकर रजिस्ट्रेशन करवाया. छूट के बाद भी उन्होंने 30 करोड़ की स्टांप ड्यूटी दी थी. डेढ़ एकड़ के इस बंगले के लिए उन्होंने प्रति वर्ग फुट 1.60 लाख रुपये की कीमत अदा की थी.
8. बच्चे की जान बचाने वाले सखाराम को सलाम
अप्रैल में महाराष्ट्र के वांगनी स्टेशन पर रेलवे के पाइंट्समैन मयूर सखाराम शेलके ने ऐसा साहस दिखाया, जिसे जानकार सबने उन्हें सलाम किया. उन्होंने जान पर खेलकर एक 6 साल के बच्चे की जान बचाई. उनके साहस का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि अगर चंद सेकेंड की और देर हो जाती तो बच्चे की जान चली जाती. 17 अप्रैल को मध्य रेल (Central Railway) के वांगनी स्टेशन पर 6 साल का बच्चा अपनी दृष्टिहीन मां के साथ जा रहा था. छोटा बच्चा प्लेटफॉर्म से नीचे गिर गया . उसी ट्रैक पर उद्यान एक्सप्रेस तेजी से आ रही थी. मयूर सखाराम शेलके ने जान की परवाह नहीं करते हुए बच्चे को बचा लिया.
9. जब युवा कोरोना मरीज के लिए बुजुर्ग ने दी अपनी बेड
नागपुर के नारायण भाऊराव दाभाडकर, जिन्होंने युवा के लिए हॉस्पिटल में अपना बेड दान कर दिया
अप्रैल में कोरोना के कहर का मंजर लोग भूले नहीं होंगे. तब ऑक्सीजन और अस्पताल में एक बेड के लिए मारामारी हो रही थी. महाराष्ट्र के नागपुर के एक अस्पताल में कोरोना से संक्रमित नारायण भाऊराव दाभाडकर (85) अस्पताल में भर्ती थे. इस बीच वहां एक महिला 40 साल के अपने पति को लेकर अस्पताल पहुंची, लेकिन अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया क्योंकि बेड खाली नहीं था. महिला पति को एडमिट कराने के लिए डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाने लगी. यह देख 85 साल के नारायण भाऊराव दाभाडकर ने अस्पताल प्रशासन से अपना बेड उस महिला के पति को देने की गुजारिश की. उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी जिंदगी जी ली है। मेरी उम्र अब 85 साल है। इस महिला का पति युवा है. उस पर परिवार की जिम्मेदारी है। इसलिए उसे मेरा बेड दे दिया जाए.'
10. शहीद पति के नक्शेकदम पर चलीं निकिता कौल
पासआउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट निकिता कौल.
लेफ्टिनेंट नितिका कौल पहली बार 2019 में उस समय सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने अपने पति शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल पुलवामा के पिंगलान गांव में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे. शादी को 10 माह ही उनके पति दुनिया से चले गए. मगर निकिता का हौसला नहीं टूटा. उन्होंने भी उसी रास्ते को चुना, जिस पर उनके पति चले थे. निकिता ने शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की परीक्षा पास की. सितंबर 2019 में उन्होंने एसएससी का फॉर्म भरा था. मई 2021 में नितिका कौल ने चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से पास आउट किया और भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनीं.
11. बेटे को खून दिलाने के लिए चलाई 400 किमी साइकल
दिलीप अपने बच्चे विवेक के साथ.
झारखंड के गोड्डा जिले के प्रतापपुर गांव का 5 साल का विवेक थैलेसीमिया से ग्रसित है और उसे हर महीने दो यूनीट खून की जरूरत पड़ती है. लॉकडाउन के दौरान उसके पिता दिलीप दिल्ली से परिवार लेकर गांव आ गए. यहां उन्हें बेटे को खून चढ़ाने के लिए जामताड़ा जाना पड़ा क्योंकि जामताड़ा में दो युवकों ने ए निगेटिव ग्रुप के खून डोनेट किया था. इस मुश्किल में दिलीप यादव अपने बेटे विवेक का साइकल पर लेकर 200 किलोमीटर दूर जामताड़ा पहुंचे और फिर साइकल चलाकर ही लौटे. इस तरह कोरोना के दौरान वह हर महीने एक बार 400 किलोमीटर साइकल चलाते रहे.
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