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The Kashmir Files : यशवंत सिन्हा का तंज, 'कानून बनाकर फिल्म देखना अनिवार्य बनाएं' - yashwant sinha kashmir files tweet

टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर साधा निशाना है. उन्होंने कहा कि द कश्मीर फाइल्स को लेकर सरकार कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हो गई है. उन्होंने तंज कसा है कि बेहतर होगा यदि सरकार संसद में बिल पारित करवाकर फिल्म देखने को अनिवार्य बना दे और जो कोई फिल्म नहीं देखेगा, उसे दो साल जेल की सजा का का प्रावधान रखे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक द कश्मीर फाइल्स भारत में रिलीज (11 मार्च) के बाद सिर्फ सात दिनों में 80 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है.

टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा
टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा

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Published : Mar 17, 2022, 2:53 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 6:42 PM IST

नई दिल्ली :पूर्व वित्त मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने राज्यों की ओर से टैक्स फ्री करने पर तंज कसते हुए कहा है कि फिल्म द कश्मीर फाइल्सको पूरे भारत में टैक्स फ्री कर देना ही काफी नहीं है. संसद को सभी भारतीयों के लिए इसे अनिवार्य रूप से देखने वाला कानून पारित करना चाहिए. जो लोग इसे देखने में विफल रहेंगे, उन्हें 2 साल के लिए जेल जाना पड़ेगा. जो लोग इसकी आलोचना करते हैं उन्हें जीवन भर जेल जाना पड़ेगा.

इससे एक दिन पहले 16 मार्च को एक अन्य ट्वीट में यशवंत सिन्हा ने लिखा, पहले झूठ बोलो, फिर अपने बंदी (captive) सोशल और गोदी मीडिया के माध्यम से भोले-भाले लोगों को समझाने के लिए इसे एक हजार बार दोहराओ कि यह सच है. लेकिन सच्चाई को अंततः असत्य पर हावी होने की बुरी आदत है. आप इसके बारे में क्या कर सकते हैं ? हालांकि, सिन्हा के इस ट्वीट का संदर्भ क्या है, इस संबंध में उन्होंने कई बयान नहीं दिया है.

The Kashmir Files : टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

गौरतलब है कि भाजपा की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी द कश्मीर फाइल्स का जिक्र कर चुके हैं. खबरों के मुताबिक 15 मार्च को भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी (PM Modi BJP parliamentary committee Meet) ने इतिहास प्रस्तुत करने में फिल्म उद्योग की भूमिका पर बयान दिया था. उन्होंने द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) का उल्लेख किया और कहा कि जो लोग हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा फहराते हैं, वे बेचैन हैं. तथ्यों की समीक्षा करने के बजाय, इसे बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

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इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द कश्मीर फाइल्स की टीम के साथ मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि द कश्मीर फाइल्स सत्य का एक निर्भीक निरूपण है. ऐसी ऐतिहासिक गलतियों की पुनरावृत्ति न हो इस दिशा में यह समाज व देश को जागरूक करने का काम करेगी. उन्होंने फिल्म बनाने के लिए पूरी टीम को बधाई भी दी.

द कश्मीर फाइल्स फिल्म की टीम से मुलाकात पर गृह मंत्री शाह का ट्वीट

बता दें कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म का निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है और निर्माण जी स्टूडियो ने किया है. यह फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी हिंदू समुदाय के लोगों की लक्षित हत्या के बाद समुदाय के लोगों के घाटी से पलायन पर आधारित है. इस फिल्म में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी जैसे कई कलाकारों ने भूमिका निभाई है.

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कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार एवं पलायन पर आधारित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को भाजपा शासित राज्यों में टैक्स फ्री किया गया है. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद द कश्मीर फाइल्स के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने ट्वीट किया था. शनिवार, 12 मार्च को एक ट्वीट में लिखा कि पीएम मोदी ने द कश्मीर फाइल्स की सराहना की.

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द कश्मीर फाइल्स की टीम और पीएम मोदी की मुलाकात के दौरान निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री और अभिनेत्री पल्लवी जोशी भी मौजूद रही थीं. द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अभिषेक के ट्वीट को रीट्वीट किया. उन्होंने कहा, अभिषेक ने भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण सत्य को प्रस्तुत करने का साहस दिखाया है. उन्होंने कहा, द कश्मीर फाइल्स की अमेरिका में स्क्रीनिंग से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के बदलता मूड दिखाया है.

द कश्मीर फाइल्स से जुड़ी अन्य खबरें-

बता दें कि 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म (The Kashmir Files movie ) इन दिनों काफी चर्चा में है. इस फिल्म के कारण कश्मीरी पंडितों के विस्थापन और मरने वालों की संख्या पर बहस छिड़ गयी है. निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म के संबंध में लेखक सलिल त्रिपाठी ने अपने ट्विटर हैंडल पर श्रीनगर जिला पुलिस मुख्यालय से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी पोस्ट किया जिसमें कहा गया, 'तो आप तथ्य चाहते थे? हर नागरिक की मौत एक त्रासदी है. हर अतिशयोक्तिपूर्ण अलंकरण एक झूठ है.'

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ये ट्वीट जंगल की आग की तरह फैल गया और सभी ने कश्मीरी पंडितों की मौत पर सवाल उठाने शुरू कर दिये. दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल ईटीवी भारत ने भी इस आरटीआई के बारे में रिपोर्ट दी थी. पिछले साल 27 नवंबर को श्रीनगर जिला पुलिस मुख्यालय ने एक आरटीआई के जवाब में दावा किया था कि पिछले तीन दशकों में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में 89 कश्मीरी पंडितों सहित 1,724 लोगों की हत्या की है.

Last Updated : Mar 17, 2022, 6:42 PM IST

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