सिंघाना (झुंझुनू).सच ही कहा जाता है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. गांव में कम संसाधनों के साथ भी हुनरमंद अपनी कला के जादू से सभी का दिल जीत लेता है. ऐसे ही एक कलाकार अपनी परंपरागत कला को आगे बढ़ा रहे हैं. सिंघाना पंचायत समिति में सिहोड़िया की ढाणी के विक्रम सिंह ने सूत की रस्सी से चारपाई में ऐसी कलाकारी की है कि देखने वाले तारीफ किए बगैर नहीं रह सकते.
यह कला भी सिर्फ एक शादी में आई चारपाई को देखकर ही उन्होंने सीख ली. पहले पहल तो चारपाई में सिर्फ परिवार जनों के नाम ही लिखा करते थे लेकिन धीरे-धीरे जज्बा और लगन से कार्य को आगे बढ़ाया. अब वे चारपाई में ताजमहल का चित्र, राजस्थान का नक्शा, इंडिया गेट, भारत का नक्शा सहित अनेक चित्र उकेर लेते हैं. चारपाई में रस्सियों की चित्रकारी ऐसी है कि लोग देखने के लिए खींचे चले आते हैं.
विक्रम सिंह ने बताया मेरे पिता ज्वाला राम वह माता कमला देवी सहित परिवार के सभी लोग इस कला से जुड़े हुए हैं हमारा परिवार परंपरागत कार्य कर रहा हैं उन्होंने बोतल में ही चारपाई वह अन्य छोटे आइटम भी डाल रखा है वह चारपाई में जानवरों की तस्वीरें हाथी घोड़ा ऊंट भालू मोर चिड़िया खरगोश भी चारपाई में रस्सीयो द्वारा बनाई हुई है.