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यमुना प्रदूषण: 12 CETP पर 12 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना

डीपीसीसी ने 12 सीईटीपी को कई नोटिस जारी कर उनसे अपशिष्ट जल के निपटान के मानकों पर खरा उतरने के लिए सुधारात्मक उपाय उठाने के लिए कहा था. डीपीसीसी के अनुसार, ये सीईटीपी फरवरी 2019 से इस साल फरवरी के बीच बार-बार मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रहीं.

यमुना प्रदूषण
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Published : Jul 8, 2021, 11:16 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control committee- DPCC) ने अपशिष्ट जल के निपटान के मानकों का लगातार पालन न करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे 12 'कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट' (Common Effluent Treatment Plant- CETP) पर 12 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है.

शहर में 24 औद्योगिक इलाके हैं, जिनमें से 17 इलाके 12 सीईटीपीएस से जुड़े हैं, जो औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट जल को पुन: इस्तेमाल करने या उसे यमुना में बहाने से पहले उसका शोधन करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, बिना शोधन वाला अपशिष्ट जल और सीईटीपी से निकलने वाले गंदे पानी की खराब गुणवत्ता तथा सीवेज जल शोधन संयंत्र दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण की मुख्य वजह है.

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ये 12 सीईटीपी झिलमिल, बादली, मायापुरी, मंगोलपुरी, नांगलोई, ओखला, नरेला, बवाना, नारायणा, जीटीके रोड, केशव पुरम में औद्योगिक इलाकों में हैं.

डीपीसीसी ने इन सीईटीपी को कई नोटिस जारी कर उनसे अपशिष्ट जल के निपटान के मानकों पर खरा उतरने के लिए सुधारात्मक उपाय उठाने के लिए कहा था. डीपीसीसी के अनुसार, ये सीईटीपी फरवरी 2019 से इस साल फरवरी के बीच बार-बार मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रहीं.

(भाषा)

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