नई दिल्ली: राजाधानी में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंच गया है. यमुना नदी का खतरे का निशान 204.50 मीटर है और सोमवार दोपहर एक बजे यमुना का जलस्तर 205.10 मीटर दर्ज किया गया. दरअसल हथिनीकुंड बैराज से दोपहर एक बजे 1,90,837 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है, जिससे इसका जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया. इसके बाद यमुना खादर पर बसे लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है.
वहीं पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने लोगों से कहा है कि जिन इलाकों में पानी भरने या बाढ़ आने की आशंका है, वहां से लोग अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. दक्षिणी दिल्ली के खादर इलाके में तो लोग यमुना के किनारे को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने भी लगे हैं.
बैराज से पानी छोड़े जाने से बढ़ी मुसीबत:हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद, दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. कुछ इलाकों में पानी लोगों के घरों में घुसने लगा है. पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके के किसान बस्ती, सोनिया विहार, एमसीडी टोल, पुराना लोहे का पुल, आईएसबीटी किसान बस्ती, अन्नपूर्णा मंदिर, उस्मानपुर पुश्ता, सोपुर बस टर्मिनल, बदरपुर खादर गांव, गढ़ी मांडू गांव, मयूर विहार आदि इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
उधर नई दिल्ली इलाके के दिल्ली सचिवालय, कश्मीरी गेट, यमुना बाजार, आइटीओ लालकिला, लक्ष्मी नगर, आनंद विहार, विवेक विहार, प्रीत विहार, कृष्णा नगर, शाहदरा, वजीराबाद, बाबरपुर, अलीपुर, नांगलोई आदि इलाकों में भी बाढ़ का खतरा है. इन इलाकों में रहने वाले लोगों को पहले ही चेतावनी दे दी गई है कि वे सावधान रहें.
जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में भरा पानी
बड़ा इलाका हो सकता है प्रभावित:इसके अतिरिक्तदक्षिणी दिल्ली के जैतपुर इलाके के विश्वकर्मा कॉलोनी में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. नदी के किनारे बसे इस इलाके में भी पानी पहुंचने लगा है. नदी में जलस्तर को बढ़ता देख लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है. वहीं यमुना खादर में बसी इस कॉलोनी के लोगों के रहने के लिए जल्द ही बांध पर टेंट लगाने की तैयारी की जा रही है, इनमें लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. नदी का जलस्तर बढ़ने इस इलाके में तेजी से पानी फैलने लगता है, जिसके जल्द ही घरों में घुसने की आशंका है. रात में अगर पानी का प्रेशर बढ़ा तो कालिंदी कुंज बैराज के सभी फाटक खोल दिए जाएंगे, जिससे इस कॉलोनी में तेजी से पानी भरने की आशंका है.
यमुना में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने विश्वकर्मा कॉलोनी में टेंट, भोजन, पानी आदि की व्यवस्था करने की तैयारी तेज कर दी है. एहतियात के तौर पर पुलिस, डीडीएमए के अधिकारियों और सिविल डिफेंस के वॉलेंटियर्स को भी अलर्ट कर दिया गया है. डीडीएमए, फायर व पुलिस ने लाइफ जैकेट, नाव आदि की व्यवस्था भी कर ली है, ताकि किसी आपात स्थित से निपटा जा सके. वहीं जामिया नगर, जैतपुर, बदरपुर, शाहीन बाग आदि इलाके के लोगों को इसकी वजह से परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी स्थानों पर पीसीआर भी तैनात की गई हैं.
वहीं भारी बारिश और यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर दिल्ली सचिवालय में सोमवार को सीएम केजरीवाल ने मंंत्रियों एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इसमें बैठक में उन्होंने कहा कि 8 और 9 जुलाई को 24 घंटे में 153 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो जुलाई में हुई सर्वाधिक बारिश है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में फिलहाल कंस्ट्रकशन के काम को रोक दिया जाए.
1978 में बाढ़ आई थी, जब हरियाणा के हथिनीकुंज बैराज से जब सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके बाद 2013 में बैराज से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. मौसम विभाग के अनुमान और एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार, दिल्ली में बाढ़ का खतरा नहीं है. हमने अपनी तरफ से इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है. यमुना से सटे झुग्गी बस्ती में रहने वाले करीब 40 हजार लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित जगहों पर रखा जाएगा. फिलहाल हम यमुना नदी के जलस्तर और मौसम विभाग से पल पल की अपडेट ले रहे हैं. - अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली
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रहते हैं 70 हजार लोग:संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यमुना के किनारे डूब क्षेत्र यानी कि यमुना खादर में करीब 70,000 हजार लोग रहते हैं. इनमें ज्यादातर प्रवासी है. दिल्ली में यमुना वजीराबाद बैराज से प्रवेश करती है और ओखला बैराज से कालिंदी कुंज होते हुए हरियाणा की ओर निकल जाती है. हालांकि यमुना के किनारे बसी बहुत से अनधिकृत कालोनियों में लाखों लोग रहते हैं. बाढ़ आने पर यहां रहने वाले लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.
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