नालंदा:बिहार के नालंदा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही (Negligence in Vaccination of Children in Nalanda) सामने आई है, जिसका नतीजा दो किशोर भाइयों को भुगतना पड़ सकता है. सोमवार 3 जनवरी से देशभर में 15 से 18 आयुवर्ग का टीकाकरण शुरू हुआ, इस आयुवर्ग के लिए कोवैक्सीन के टीके को मंजूरी मिली है. लेकिन नालंदा में दो भाइयों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया. पियूष रंजन और आर्यन किरण सोमवार को वैक्सीन लेने पहुंचे लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण दोनों भाईयों को वो वैक्सीन लगा दी गई जिसका अब तक बच्चों पर ट्रायल भी नहीं हुआ है.
गौरतलब है कि DCGI ने 12 साल से 18 साल के आयु वर्ग के लिए भारत बायोटैक की कोवैक्सीन को आपात मंजूरी दी थी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने 3 जनवरी से देशभर में 15 से लेकर 18 साल तक के किशोरों के टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी थी. लेकिन नालंदा में स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही की इंतहा कर दी. पहले तो दो भाइयों को कोवैक्सीन की बजाय कोविशील्ड (Covishield instead of Covaxin) का टीका लगा दिया लेकिन दोनों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट कोवैक्सीन का ही दिया गया.
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पीयूष रंजन ने बताया कि उन्होंने रविवार को को-वैक्सीन का स्लॉट बुक किया था. सोमवार को सुबह 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र आईएमए हॉल में वैक्सीनेशन के लिए गए थे, जहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्होंने टीका लगवाया. जिसके उपरांत पता चला कि उसे और उसके भाई को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका दे दिया गया है. जिसके बाद जब इस बारे में पूछा गया तो ऑपरेटर के द्वारा बताया गया कि कोविशील्ड लेने से कोई परेशानी नहीं होगी.