भुवनेश्वर:बालासोर ट्रेन दुर्घटना का प्राथमिक कारण 'गलत सिग्नलिंग' था. उच्चस्तरीय जांच में सिग्नलिंग और दूरसंचार (एसएंडटी) विभाग के भीतर 'कई स्तरों पर चूक' को उजागर किया गया है. साथ ही ये स्वीकार किया गया है कि यदि पिछली चेतावनियों की सूचना दी गई होती, तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था.
समय पर देते जानकारी तो न होता हादसा :रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड को एक स्वतंत्र रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि सिग्नलिंग कार्य में कमियों के बावजूद, एसएंडटी कर्मचारी सुधारात्मक उपाय कर सकते थे यदि उन्हें बाहानागा बाजार के स्टेशन प्रबंधक द्वारा दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विच के 'बार-बार असामान्य व्यवहार' के बारे में सूचित किया गया होता, जहां हादसा हुआ.
इसके अतिरिक्त रिपोर्ट ने संकेत दिया कि स्टेशन के लिए अप्रूव्ड सर्किट डायग्राम न होने के परिणामस्वरूप बाहानागा बाजार स्टेशन में लेवल क्रॉसिंग गेट 94 पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बदलने का गलत तरीका सामने आया. डायग्राम न होने के कारण गलत वायरिंग हुई. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि फील्ड पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वायरिंग डायग्राम को संशोधित करने का प्रयास किया लेकिन इसे सटीक रूप से दोहराने में विफल रही.
बांकरा नयाबाज़ स्टेशन हादसे का भी जिक्र :इसके अलावा, रिपोर्ट में 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बांकरा नयाबाज़ स्टेशन पर भी इसी तरह की घटना पर प्रकाश डाला गया, जो दोषपूर्ण वायरिंग और केबल मुद्दों के कारण हुई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इस घटना के बाद गलत वायरिंग की समस्या को दूर करने के लिए सुधारात्मक उपाय किए गए होते तो बीएनबीआर में दुर्घटना टाली जा सकती थी.