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टोक्यो ओलंपिक : रवि दहिया के फाइनल में पहुंचते ही गदगद पिता बोले- बेटे ने पूरा किया सपना

टोक्यो ओलंपिक का 13वां दिन (Tokyo Olympics 13th Day) भारतीय पुरुष पहलवानों का दिन रहा है. हरियाणा के सोनीपत जिले में रहने वाले रवि दहिया (Wrestler Ravi Dahiya) 57 किलोग्राम भार वर्ग में बढ़त बनाए हुए हैं. रवि दहिया फाइनल राउंड में पहुंच गए हैं. रवि की इस उपलब्धि पर उनके गांव में जश्न का माहौल है. रवि के पिता को अपने बेटे से गोल्ड की उम्मीद है.

ravi dahiya
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Published : Aug 4, 2021, 4:01 PM IST

सोनीपत : टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics) का 13वां दिन भारत के लिए शानदार रहा. 13वें दिन भारत की तरफ से सोनीपत के प्रतिभाशाली दमदार पहलवान रवि दहिया (Ravi Dahiya) ने 57 किग्रा भार वर्ग में मुकाबला जीतते हुए फाइनल में जगह बना ली है. रवि की इस उपलब्धि पर उनके पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है. रवि के पिता का कहना है कि उनके बेटे ने सपने को पूरा कर दिखाया, उन्होंने कहा कि ये कन्फर्म है कि भारत के लिए रवि की तरफ से एक गोल्ड पक्का है.

पहलवान रवि दहिया ने क्वार्टर फाइनल में बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव का सामना करते हुए 14-4 से जीत हासिल कर सेमीफाइनल में जगह बनाई. इससे पहले भारतीय पहलवान रवि दहिया 57 किलो भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने उतरे थे, जिसमें उनका सामना कोलंबिया के एदुआर्दो टाइगरेरोस से हुआ. इस दौरान रवि ने उनको 13-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी.

बता दें कि रवि दहिया हरियाणा के सोनीपत जिले से ताल्लुक रखते हैं. रवि दहिया ने 8 साल की उम्र में ही कुश्ती के अखाड़े में अपने प्रतिद्वंदियों को पटखनी देनी शुरू कर दी थी. घरवालों ने भी रवि का भरपूर साथ दिया. परिजनों का साथ और रवि की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि वो आज टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में देश को गौरवांवित महसूस करवा रहे हैं.

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रवि के पिता राकेश ने पुरानी यादों को साझा करते हुए बताया कि बाकी बच्चों को देखते हुए वो बचपन से ही कुश्ती की प्रेक्टिस करने लगा था. गांव के अखाड़े से ही रवि ने कुश्ती की शुरुआत की. इसके बाद रवि छत्रसाल स्टेडियम में चले गए और वहीं उन्होंने अपने कैरियर को नई दिशा दी. राकेश ने बताया कि रवि में बचपन से जुनून था कि वो देश का नाम रोशन करेगा. उसने देश के नामी पहलवानों से कुश्ती सीखी है और उन्हें देखकर ही वो आगे बढ़ा है.

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