रांची के जैप वन परिसर में नवमी को हथियारों की पूजा और बलि देने की प्रथा रांची: राजधानी में दुर्गा पूजा की धूम है. लोग घरों में मां की आराधना कर रहे हैं, वहीं विभिन्न पूजा पंडालों में मां दुर्गा की आराधना की जा रही है. रांची का जैप वन अपनी अनोखी पूजा और पुरानी परंपरा के लिए जाना जाता है.
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नवमी के दिन जैप वन परिसर में गोरखा जवानों के द्वारा शस्त्र की पूजा की जाती है. इसके साथ ही यहां बलि देने की पुरानी प्रथा आज भी चली आ रही है. यहां फायरिंग कर मां शक्ति स्वरूपा को सलामी दी जाती है. जैप वन के सेवा निवृत जवान पवन कुमार लामा ने कहा कि जैप वन में दुर्गा पूजा की ये परंपरा 1880 से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि 9 दिनों तक चलने वाली इस पूजा को करने के बाद जवानों को साल भर मां दुर्गा अपने आशीर्वाद से सुरक्षित रखती हैं. परंपरा के अनुसार चली आ रही बलि देने की प्रथा को कायम रखते हुए सोमवार को जैप के जवानों ने बलि दी.
हवाई फायरिंग कर मां दुर्गा को सलामीः जवान पवन कुमार लामा कहते हैं कि यह फोर्स देश का सबसे पुरानी फोर्स है. गोरखा मिलिट्री पुलिस के नाम से यह फोर्स कई दशकों से देश की सेवा कर रही है. पूजा के बाद गोरखा बटालियन के शहीद जवानों को याद करते हुए उन्हें सलामी दी गई. इसके साथ ही जैप वन के जवानों ने देश के लिए हमेशा सेवा देते रहने का संकल्प लिया.
इस विशेष पूजा में पहुंची महिलाओं ने कहा कि वर्षों से आ रही इस पूजा की कई मान्यताएं हैं. महिलाएं इस पूजा में अपनी झोली फैलाकर जो भी मांगती हैं देवी मां उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण करती हैं. मां की पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि वर्षों से चली आ रही इस पूजा में शामिल होकर मां दुर्गा से यही प्रार्थना करते हैं कि मां दुर्गा सबके घरों में खुशियां बनाए रखें और पूरे राष्ट्र के लोगों को सुरक्षित रखें. बलि पूजा से पहले नौ कन्याओं का पूजन किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने उनसे आशीर्वाद लिया.