हैदराबाद : परमाणु बम, नाम सुनते ही सबसे पहले जापान के शहर हिरोशिमा और नागासाकी का नाम ज़हन में आता है. आज परमाणु बम के फटने से होने वाली तबाही का सिर्फ अंदाजा लगा सकते हैं लेकिन वो हर अंदाजा़ रूह कंपाने वाला होता है. आज यानि 16 जुलाई के दिन ही दुनिया में पहला परमाणु परीक्षण हुआ था. जिसके बाद परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाना जहां इंसान के लिए वरदान साबित हुआ तो हिरोशिमा और नागासाकी ने बताया कि विनाश का सबसे बड़ा हथियार है जो किसी अभिशाप से कम नहीं है.
दरअसल परमाणु बम के पहली बार इस्तेमाल से महज 20 दिन पहले दुनिया में पहली बार इसका परीक्षण हुआ था. 16 जुलाई 1945 को अमेरिका ने पहला परमाणु परीक्षण करके दुनिया की दशा और दिशा ही बदल दी थी. भौतिक विज्ञानी जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर को परमाणु बम का जनक माना जाता है, उनकी अगुवाई में ही आज से 76 साल पहले 16 जुलाई 1945 को न्यू मैक्सिको के रेगिस्तान में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था. इस मिशन का नाम था 'ट्रिनिटी'.
परमाणु बम यानी 'ब्रहमास्त्र'
- महाभारत टीवी सीरियल में आपने ब्रह्मास्त्र के बारे में सुना और देखा होगा. कहा जाता है कि ब्रह्मास्त्र से बड़ा हथियार उस युग में कोई नहीं था, इसी तरह परमाणु बम को कलयुग का ब्रह्मास्त्र कहें तो गलत नहीं होगा.
- 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर जो पहला परमाणु बम गिराया उसका नाम 'लिटिल बॉय' (little boy) था.
- 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के नागासाकी शहर पर जो दूसरा बम गिराया था उसका नाम 'फैट मैन' (fat man) था. कहते हैं कि इस बम को पहले कोकुरा शहर पर गिराया जाना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण नागासाकी पर ही गिरा दिया गया.
- जब नागासाकी में विस्फोट हुआ तो वहां का तापमान इतना अधिक पहुंच गया था कि स्टील भी पिघल जाए. ऐसे में वहां मौजूद लोगों का क्या हाल हुआ होगा, सोचने भर से ही रूह कांप जाती है.
- हिरोशिमा में बम गिरने से जो धमाका हुआ उसमें 500 से 700 मीटर में मौजूद 90 फीसदी लोग गंभीर जलन और रेडिएशन की चपेट में आने से मर गए.
- जब ये बम फटे तो तापमान 10 लाख सेंटीग्रेट तक पहुंच गया, जिससे एक किलोमीटर के दायरे में हर चीज मानो भाप बन गई थी. जहां बम गिरा वहां एक आग का गोला बन गया था और लगभग 15 किलोमीटर दूर तक भी इमारतों की खिड़कियों के शीशे टूट गए.
- हिरोशीमा की आबादी उस वक्त करीब 2.5 लाख थी, इस धमाके में वहां की करीब 30 फीसदी आबादी यानि करीब 80 हजार लोग मौत के मुंह में समा गए.
- परमाणु बम के फटने पर इतनी आवाज होती है जिससे इंसान के कानों का पर्दा फट जाए. परमाणु विस्फोट की तरंगे सुपरसोनिक होती हैं. अगर आप हमले वाली जगह पर खड़े हैं तो हो सकता है की धमाके की आवाज सुनने से पहले ही आपकी मौत हो जाए. यानि आवाज से पहले मौत आ जाएगी.
- धरती पर सबसे ज्यादा आवाज़ परमाणु बम ही करते हैं इसके बाद ज्वालामुखी फटने की आवाज होती है.
- सीटी स्कैन कराने से किसी इंसानी शरीर पर रेडियोएक्टिव रेडिएशन का उतना ही असर पड़ेगा जितान हिरोशिमा विस्फोट के बाद कई किलोमीटर दूर खड़े लोगों के शरीर पर पड़ा था.
- कहते हैं कि परमाणु बम कहीं गिरता है तो दशकों तक जनजीवन के निशान नहीं रहते, वहां पेड़ पौधे भी नहीं उगते. जैसा कि जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी में हुआ था.
- परमाणु बम का पहला परीक्षण के अलावा पहली और आखिरी बार इस्तेमाल करने वाला एकमात्र देश अमेरिका है.
- परमाणु बम के इस्तेमाल के बाद कॉक्रोच के अलावा कोई भी जीव जिंदा नहीं रहेगा.
- आर्म्स वॉचडॉग स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सिर्फ 9 देशों के पास है. जिसमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल, उत्तर कोरिया के पास कुल 13,400 परमाणु हथियार हैं.
- कुल परमाणु हथियारों में से 90 फीसदी हथियार अमेरिका और रूस के पास हैं. साल 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास 150 तो पाकिस्तान के पास 160 परमाणु हथियार हैं.
- नागासाकी जैसे परमाणु100 बम धरती पर फटे तो आसमान में इतना धुंआ उठेगा कि सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पहुंच पाएगी, इन धमाकों ने ओजोन परत को भी बहुत ज्यादा नुकसान होगा.
- तीसरा विश्व युद्ध हुआ और परमाणु बमों का इस्तेमाल हुआ तो कहते हैं कि उसके बाद जो भी युद्ध होगा वो पत्थरों से ही लड़ा जाएगा.
कितने देशों के पास कितने परमाणु बम
दुनियाभर के देशों के परमाणु हथियारों (Nuclear Bomb) पर नजर रखने वाली संस्था फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट (FAS) ने एक सूची के मुताबिक पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं जबकि इस सूची में रूस पहले नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक शीत युद्ध के बाद परमाणु हथियारों की संख्या में लगातार गिरावट आई है. 1986 में जहां इनकी संख्या 70,300 थी, वहीं 2021 में यह घटकर 13,100 तक पहुंच गई है. मगर चिंता की बात यह है कि सैन्य हथियारों को अभी भी जमा किया जा रहा है.