खौफनाक होता है सुनामी का मंजर, बीते 100 सालों में कई लाख लोग गंवा चुके हैं अपनी जान - 5 नवंबर विश्व सुनामी जागरूकता दिवस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में 700 मिलियन से अधिक लोग समुद्र या छोटे-मोटे द्वीपों के किनारे रहते हैं. ये आबादी सुनामी को लेकर अत्यधिक खतरे वाले जोन में हैं. 2004 की सुनामी में 14 देशों के लगभग 3 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. पढ़ें पूरी खबर..World Tsunami Awareness Day 2023, Tsunami Awareness Day.
हैदराबाद : सुनामी दुर्लभ प्राकृतिक आपदाओं में से एक है. इससे व्यापक पैमाने पर जान-माल का नुकसान होता है. कारोबार हो या खेतीबाड़ी पूरी तरह से चौपट हो जाती है. दुनिया भर में बीते 100 सालों में 60 के करीब सुनामी में 26 लाख लोग जान गंवा चुके हैं. हाल में सबसे ज्यादा मौतें 2004 में हिंद महासागर में सुनामी के कारण हुआ था. इस सुनामी में करीबन 3 लाख लोग मारे गये थे. इससे भारत भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. देश में 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौतें इस दौरान हुईं थीं.
सुनामी 2004
26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में सुनामी के कारण हुई तबाही को आज भी पीड़ित परिवार नहीं भूल पाये हैं. सुनामी ज्वारीय लहरों ने 700-800 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तबाही मचाया था. सुमात्रा के तट पर रियेक्टर पैमाने पर 8.6 तीव्रता के भूकंप ने कई इलाके में सबकुछ तबाह कर दिया था. प्रभाविक इलाके में खेती, रोजगार, संचार के साधन, बुनियादी ढांचा सहित सब कुछ तबाह कर दिया था.
2004 के सुनामी का असर भारत के अलावा इंडोनेशिया, श्रीलंका, मालदीव और थाईलैंड पर भी व्यापक रूप से पड़ा था. भारत में आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, पांडिचेरी और अंडमान एवं निकोबार द्वीप के लोग काफी प्रभावित हुए थे.
विश्व सुनामी जागरूकता दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र ने सुनामी से होने वाले नुकसान की देखते हुए जागरूकत के लिए विश्व सुनामी जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. 22 दिसंबर 2015 को एक प्रस्ताव के माध्मय से 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस घोषित किया. यह दिवस 13 अक्टूबर को आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस और आपदा जोखिम न्यूनीकरण 2015-2030 के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क के लिए निर्धारित सात लक्ष्यों के अनुरूप है.
विश्व सुनामी दिवस 2023 के लिए थीम 'लचीले भविष्य के लिए असमानता से लड़ना' (Fighting Inequality For A Resilient Future) तय किया गया है. इस साल इसी थीम पर फोकस कर अभियान चलाया जा रहा है.
विश्व सुनामी जागरूकता दिवस मनाने का उद्देश्य
सुनामी के बारे में सबों को बेहतर जानकारी हो.
सुनामी के दौरान क्या करें और क्या नहीं करें.
प्राकृतिक चेतावनी संकेतों की समझ पैदा करना.
सरकारी एजेंसियों की चेतावनी की समझ पैदा करना.
सुनामी का असर चंद मिनटों में ही हो जाता है.
चेतावनी के साथ ही बिना घबराए बचाव के कदम उठायें.
सुनामी के बाद आपदा राहत में कैसे सहयोग करें.
सुनामी से निपटने के लिए कौन-कौन से कदम उठाये जायें
सुनामी क्या हैं?
सुनामी मुख्य रूप से बड़े जल स्रोत के नीचे उत्पन्न होने वाली विशाल लहरों की एक श्रृंखला है. इसके कारण समुद्र के नीचे व उसके आसपास के इलाके में भूकंप का कारण बनता है. लहरों की क्षमता के आधार पर भूकंप की तीव्रता होती हैय
सुनामी (Tsunami) मुख्य रूप से जापानी शब्द त्सू (Tsu) और नामी (Nami) से बना है. त्सू शब्द का अर्थ बंदरगाह है. वहीं नामी का अर्थ लहरों से है.
सुनामी की लहरें पानी की दीवारों की तरह होती हैं, जो तटरेखा पर हमला कर व्यापक नुरसान पहुंता सकती है. सामान्य तौर पर एक घंटे में 5 से 60 मिनट तक शक्तिशाली लहरें आती हैं.
सुनामी आने के कई कारण हैं. ज्वालामुखी विस्फोट, पनडुब्बी भूस्खलन के अलावा तटीय चट्टान गिरने के कारण भी सुनामी पैदा होती है. इन कारणों से अचानक से भारी मात्रा में पानी का विस्थापन और समुद्र तल पर ऊर्ध्वाधर गति (Vertical Movement) से लहरें पैदा होती हैं, जो सुनामा का कारण बनता है.
समुद्र में आने वाली पहली लहर खतरनाक नहीं होती है. लेकिन एक के बाद कई लहरें लगातर आती हैं. कुछ ही समय में लगातार कई लहरें समुद्र किनारे बाढ़ की स्थिति पैदा कर देती है. समुद्र में, उसके आसपास में यह भारी तबाही मचाती है. इस दौरान कई बार बड़े मलवे का भी पानी के साथ प्रवाह हो जाता है. यह और बड़े तबाही का भी कारण बनता है.
सुनामी से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान
भूकंप महसूस होने पर निचले तटीय इलाके में न रहें.
तटीय इलाके से अविलंब ऊंचे स्थानों पर जायें
सुनामी देखने के लिए तटीय इलाके में न जायें.
लहरों की असमान्य स्थिति देखर सतर्क रहें.
भूकंप या सुनामी के बाद तुरंत समुद्र किनारे न जायें
सुनामी के बाद समुद्र के किनारे कई प्रकार की मछलियां या अन्य चीजें फंस जाती हैं.
कई लोग इसे जमा करने के लिए लोग जुट जाते हैं. यह खतरनाक हो सकते हैं.
सुनामी या भूकंप के बाद समुद्र किनारे मनोरंम नजारा देखने के लिए जाने से बचें