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World Students Day 2023 : विश्व छात्र दिवस और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती का क्या है संबंध, जानें

आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती (Birth Anniversary of Dr APJ Abdul Kalam) है. डॉ कलाम 'मिसाइल मैन ऑफ इंडिया' (Missile Man of India), 'भारत के लोगों के राष्ट्रपति' (President Of The People of India) सहित कई नामों से देश-दुनिया में जाने जाते हैं. विज्ञान के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें 30 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया था. डॉ. कलाम की जयंती 15 अक्टूबर को 'विश्व छात्र दिवस' (World Students Day ) के रूप में मनाया जाता है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ या अन्य किसी संस्था की ओर से आधिकारिक तौर पर इस घोषणा की प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

World Students Day 2023
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 15, 2023, 12:01 AM IST

Updated : Oct 15, 2023, 1:40 PM IST

हैदराबाद :हर साल 15 अक्टूबर को भारत सहित दुनियाभर में विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है. यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (Dr. Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) की जयंती मनाने के लिए मनाया जाता है. डॉ. कलाम, जिन्हें आमतौर पर 'भारत के लोगों के राष्ट्रपति' के रूप में जाना जाता है. देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में (2002 से 2007 तक) उन्होंने कार्य किया. देश-विदेश में डॉ.कलाम को अकादमिक, लेखक, वैज्ञानिक सहित कई अन्य क्षेत्रों में अमूल्य योगदान के लिए जाना जाता है.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002-2007) थे.

विश्व छात्र दिवस के पीछे का इतिहास
डॉ. कलाम की जयंती, 15 अक्टूबर को 'विश्व छात्र दिवस' के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से इस संबंध में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2019 में डॉ.कलाम की जयंती को विश्व छात्र दिवस के रूप में ट्विट किया था. डॉ. ए.पी.जे. शिक्षण में अब्दुल कलाम की भूमिका और उनकी प्रतिबद्धता को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है. उन्हें पढ़ाने का इतना शौक था कि भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पद छोड़ने के अगले दिन ही वे शिक्षण में लौट आए. वे नवंबर 2001 से अन्ना विश्वविद्यालय चेन्नई में प्रोफेसर के रूप में सक्रिय रूप से काम किया. डॉ. कलाम का मानना था कि शिक्षक की भूमिका चरित्र, मानवीय गुणों का निर्माण, प्रौद्योगिकी के माध्यम से बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाना और नवोन्वेषी और रचनात्मक होने का आत्मविश्वास पैदा करना होना चाहिए जो उन्हें भविष्य में प्रतिस्पर्धी होने में मदद करेगा.

विश्व छात्र दिवस 2023 के लिए थीम 'FAIL: सीखने में पहला प्रयास' (FAIL: First attempt at learning) रखा गया है. हाल के समय में छात्र-छात्राओं में खुदकुशी के बढ़ते मामले को देखते हुए यह थीम काफी उपयुक्त है. भारत सरकार के अधीन शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस विषय को पेश किया गया है.

'विश्व छात्र दिवस'

डॉ. कलाम ने हमेशा अपने छात्रों को स्वयं का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए प्रोत्साहित किया.

'यदि आप असफल होते हैं, तो कभी हार न मानें क्योंकि F.A.I.L. का अर्थ है 'सीखने का पहला प्रयास'.

'अंत,अंत नहीं है, यदि वास्तव में E.N.D का अर्थ है 'प्रयास कभी नहीं मरता,'

'यदि आपको उत्तर के रूप में नहीं मिलता है, तो याद रखें कि NO का अर्थ है 'अगला अवसर', तो चलिए सकारात्मक रहें,'

डॉ. कलाम चाहते थे कि दुनिया उन्हें एक शिक्षक के रूप में याद रखें. एक राष्ट्रपति के रूप में, छात्रों, बच्चों और शिक्षकों द्वारा उनका समान रूप से सम्मान किया जाता था. उन्हें संवाद में शामिल होने और नए विचार सुनने में आनंद आता था. उनका प्रसिद्ध उद्धरण 'सपने देखने के लिए आपके पास एक सपना होना चाहिए' ने युवाओं की एक पीढ़ी को अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. उनके विचार और भावनाएं व्यापक रूप से कायम हैं. सिद्धांत और विचारों के प्रति कलाम की प्रतिबद्धता उनके कर्तव्यों की सीमाओं से परे थी, यही कारण है कि उनके जन्मदिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मान्यता देना उचित है.

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती.

1931 को रामेश्वरम में हुआ था डॉ. कलाम का जन्म
डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को भारत के पंबन द्वीप पर तीर्थस्थल रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था. उन्होंने 'सेंट जोसेफ कॉलेज' से भौतिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उसके बाद, उन्होंने मद्रास में 'प्रौद्योगिकी संस्थान' में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 'रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान' में शामिल हो गए. उनका करियर बहुत अच्छा रहा और एक वैज्ञानिक के रूप में उन्होंने काफी प्रसिद्धि हासिल की. वह 90 के दशक में भारत के सबसे प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक थे.

मिसाइल मैन ऑफ इंडिया

कलाम के कार्य एवं उपलब्धियां

'मिसाइल मैन ऑफ इंडिया'
  1. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002-2007) थे. उनका लक्ष्य 2020 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने का था.
  2. उनके पांच साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें काफी प्यार मिला.
  3. सहजता व सरलता के कारण उन्हें प्यार से पीपुल्स प्रेसिडेंट कहा जाने लगा.
  4. डॉ. कलाम को पूरे जीवन में कई पुरस्कारों से नवजा गया.
  5. डॉ. कलाम को 30 विश्वविद्यालयों और जाने-माने संस्थानों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया था.
  6. 1981 में उन्हें 'पद्म भूषण' और 1990 में 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया.
  7. शोध कार्य के लिए उन्हें 'भारत रत्न' (1997) से भी सम्मानित किया गया था.
  8. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं, जिन्में 'विंग्स ऑफ फायर', 'माई जर्नी', 'इग्नाइटेड माइंड्स' प्रमुख किताबें हैं. उनकी लिखी पुस्तकों का कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया गया.
  9. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 1998 में सफल 'पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण' में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें 'भारत का मिसाइल मैन' नामित किया गया था. उनके नेतृत्व में भारत के मिसाइल रक्षा कार्यक्रम ने कई उपलब्धियां हासिल कीं.
  10. डॉ कलाम जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक केंद्रीय रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार व रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव थे.
  11. इसके बाद नवंबर 1999 से नवंबर 2001 तक वे भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार रहे. इस दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था.

छात्रों के सामने चुनौतियां

  1. माता-पिता का दबाव
  2. जबरन कैरियर विकल्प
  3. परीक्षा केन्द्रित शिक्षा
  4. शिक्षा पर भारी खर्च
  5. वे कौशल नहीं सिखाये जाना जो वास्तव में आवश्यक हैं
  6. अच्छे शिक्षकों का अभाव
  7. विषय के लिए या नए आविष्कारों के लिए पढ़ाई नहीं करना
  8. प्रतिस्पर्धा का बहुत उच्च स्तर
  9. रैगिंग और धमकाना
  10. भावनात्मक उपेक्षा
  11. अज्ञात मानसिक विकार

चुनौतियों का सामना करने के लिए ये कौशल है जरूरी

'मिसाइल मैन ऑफ इंडिया'
  1. आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान (Critical thinking and problem-solving)
  2. सभी नेटवर्कों में सहयोग और प्रभाव से नेतृत्व करना (Collaboration across networks and leading by influence)
  3. चपलता और अनुकूलनशीलता ( Agility and adaptability)
  4. पहल और उद्यमशीलता (Initiative and entrepreneurialism)
  5. वित्तीय प्रबंधन ( Finance Management)
  6. प्रभावी मौखिक और लिखित संचार (Effective oral and written communication)
  7. जानकारी तक पहुंचना और उसका विश्लेषण करना ( Accessing and analyzing information)
  8. जिज्ञासा और कल्पना (Curiosity and imagination)

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Last Updated : Oct 15, 2023, 1:40 PM IST

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