हैदराबाद : इस साल हम 15वां विश्व स्ट्रोक दिवस मना रहे हैं जो हर साल 29 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस वैश्विक जागरूकता दिवस काे विश्व स्ट्रोक संगठन द्वारा शुरू किया गया था. यह दुनिया भर में स्ट्रोक काे लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है. इस वर्ष विश्व स्ट्रोक संगठन मिनट्स कैन सेव लाइफ (Minutes can save lives) थीम पर आधारित है.
स्ट्रोक क्या है?
स्ट्रोक एक ऐसी बीमारी है जो मस्तिष्क के भीतर धमनियों को प्रभावित करती है. स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को ले जाने वाली रक्त वाहिका या तो थक्का द्वारा अवरुद्ध हो जाती है या फट जाती है (या टूट जाती है).
इतिहास
1990 के दशक में स्ट्रोक के लिए एक वैश्विक जागरूकता दिवस पर विचार किया गया था लेकिन वित्तीय प्रतिबंधों के कारण जागरूकता दिवस केवल यूरोप तक ही सीमित रहा. WSO के प्रबंधन के तहत, पहला आधिकारिक विश्व स्ट्रोक दिवस 29 अक्टूबर, 2006 को आयोजित किया गया था. विश्व स्ट्रोक दिवस, स्ट्रोक के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन तरीकों के बारे में बात करने का एक अवसर है जिसमें हम जोखिम कारकों और स्ट्रोक के लक्षणाें के बारे में बेहतर जन जागरूकता के माध्यम से स्ट्रोक के प्रभाव को कम कर सकते हैं.
विश्व स्ट्रोक दिवस का मुख्य फोकस
29 अक्टूबर 2021- 2022 विश्व स्ट्रोक दिवस पर डब्ल्यूएसओ (विश्व स्ट्रोक संगठन) स्ट्रोक के लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाने पर ध्यान केंद्रित करता है जिसका उद्देश्य है कि यदि हमें स्ट्रोक के लक्षणाें की जानकारी हाे ताे क्या इसे राेका जा सकता है.
स्ट्रोक के लक्षण
बोलने और समझने में परेशानी होना
लकवा या चेहरे, हाथ या पैर का सुन्न होना.
एक या दोनों आंखों में देखने में समस्या
सिरदर्द
चलने में परेशानी
कारण
स्ट्रोक के दो मुख्य कारण हैं. एक अवरुद्ध धमनी (इस्केमिक स्ट्रोक) या रक्त वाहिका का लीक हाेना या फटना. कुछ लोगों के मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में केवल एक अस्थायी व्यवधान हो सकता है, जिसे क्षणिक इस्केमिक अटैक (टीआईए) के रूप में जाना जाता है.
जोखिम