World Standards Day 2023 : जानें आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय मानक दिवस
आज पूरी दुनिया में विश्व मानक दिवस (World Standards Day-WDS) या कहें तो अंतरराष्ट्रीय मानक दिवस (International Standards Day) मनाया जाता है. वैश्विक पैमाने पर मानकीकृत माप, टेक्नोलॉजी और उद्योगों के लिए यूनिफार्म स्टैंडर्ड विकसित करने वाले वैज्ञानिकों व नियामकों के योगदान को याद करने के लिए हर साल विश्व मानक दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि विश्व मानक दिवस का इतिहास (World Standards Day History) क्या है और इस साल के लिए क्या थीम (World Standards Day Theme) रखा गया है. पढ़ें पूरी खबर..
हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत माप, टेक्नोलॉजी सहित अन्य यूनिफार्म स्टैंडर्ड पर चर्चा करने के दुनिया भर के 25 देशों के प्रतिनिधि 14 अक्टूबर 1946 को लंदन में जुटे थे. इस दौरान वैश्विक स्तर पर सभी फिल्ड में एकसमान माप के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक तय करने पर सहमति बनी. लंदन में बैठक के एक साल बाद 25 फरवरी 1947 को लंदन में अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन/मानकीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन की स्थापना की गई. वर्तमान में इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड) हैं.
अंतरराष्ट्रीय मानक दिवस
विश्व मानक दिवस का इतिहास पहली बार 14 अक्टूबर 1970 को विश्व मानक दिवस मनाया गया. इसके बाद से हर साल आज के दिन विश्व मानक दिवस का आयोजन किया जाता है. कार्यक्रम का उद्घाटन तत्कालीन आईईएस के अध्यक्ष फारुक सुंटर (The President of IES Faruk Sunter) ने किया था. 1970 में आयोजित पहले विश्व मानक दिवस कार्यक्रम में 3 संगठनों मानकीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन (International Organization For Standardization-IOS), अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग (International Electrotechnical Commission) और अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union) का महत्वपूर्ण योगदान था.
विश्व मानक दिवस थीम विश्व मानक दिवस थीम 2023 के लिए थीम बेहतर विश्व के लिए साझा दृष्टिकोण, सतत विकास लक्ष्यों के लिए मानक (Shared Vision for a Better World, Standards for Sustainable Development Goals) रखा गया है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की आम सभा की ओर से 2015 में निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) को 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें कुल 17 लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें तीसरे नंबर पर स्वास्थ्य है.
भारत में मानकीकरण के लिए नोडल संस्था है भारतीय मानक ब्यूरो
भारतीय मानक संस्थान की स्थापना 1947 में किया गया था, बाद में जिसका नामकरण भारतीय मानक ब्यूरो किया गया.
भारतीय मानक ब्यूरो का देश में नई दिल्ली में मुख्यालय के अलावा 5 क्षेत्रीय कार्यालय और कई शाखा कार्यालय हैं.
भारत में मानक निर्धारण के लिए नोडल संस्था भारतीय मानक ब्यूरो है, भारता राष्ट्रीय मानक निकाय ( National Standards Body of India).
भारतीय मानक ब्यूरो (Indian Standards Bureau) की स्थापना बीआईएस अधिनियम, 1986 के तहत किया गया था.
22 मार्च 2016 को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया.
यह अधिनियम 12 अक्टूबर 2017 से भारत में लागू किया गया.
भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत यह एजेंसी वस्तुओं के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए जिम्मेदार है.
भारतीय मानक ब्यूरो का काम सुरक्षित, विश्वसनीय गुणवत्ता वाले सामान उपलब्ध कराना, मानकीकरण, प्रमाणीकरण और परीक्षण के माध्यम से किस्मों के प्रसार आदि पर नियंत्रण रखना है.
भारतीय मानक ब्यूरो आम लोगों को वस्तु और उत्पाद के गुणवत्ता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए नियमित रूप से प्रचार-प्रसार करता है.
भारतीय मानक ब्यूरो केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन है.