नई दिल्लीः दुनिया भर के चिकित्सकों का मानना है कि कई शोधों में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि खराब गुणवत्ता वाली नींद शरीर पर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई गंभीर रोगों तथा समस्याओं का कारण बन सकती है. अच्छी नींद की जरूरत सिर्फ हमारी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए ही नहीं होती है बल्कि मन को प्रसन्न व शांत रखने में भी इसकी बहुत अहम भूमिका होती है. लेकिन वर्तमान समय में कई स्वास्थ्यपरक व अन्य कारकों के चलते दुनियाभर में लोगों की स्लीप हेल्थ बहुत ज्यादा प्रभावित हो रही है. ऐसे में 17 मार्च को दुनियाभर में मनाया जा रहा 'विश्व नींद दिवस' एक महत्वपूर्ण आयोजन माना जा सकता है, जो लोगों को अच्छी नींद की जरूरत को लेकर जागरूक करने का एक मौका देता है. वहीं इस अवसर पर दुनिया भर में लोगों को अच्छी नींद पाने के उपायों से रूबरू करने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.
वर्ल्ड स्लीप डे पर लोगों को नींद नियमित रूप से लेने के प्रति जागरूक किया जाता है. विश्व नींद दिवस पर विशेष
अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. लेकिन ज्यादातर लोग अलग-अलग कारणों से सही मात्रा में तथा अच्छी गुणवत्ता वाली नींद नहीं ले पाते हैं. दुनिया भर में तरह-तरह के रोगों तथा रोगियों की संख्या बढ़ने के मुख्य कारणों में जानकार खराब जीवनशैली के साथ खराब नींद को भी मुख्य कारणों में से एक मानते हैं. अच्छी नींद की जरूरत के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा आम जन को अच्छे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल मार्च माह में विश्व नींद दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिवस 17 मार्च को मनाया जा रहा है.
2008 में वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी ने समिति बनाकर वर्ल्ड नींद दिवस मनाने का निर्णय किया था. विश्व नींद दिवस की थीम और महत्व
वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी द्वारा आयोजित होने वाले इस आयोजन को हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष यह आयोजन 'स्लीप इज एसेंशियल फॉर हेल्थ' थीम पर मनाया जा रहा है. गौरतलब है कि नींद हमारे जीवन का एक बहुत ही सामान्य हिस्सा है जिसे ज्यादातर लोग ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं. लेकिन खराब नींद या नींद में कमी ना सिर्फ कई शारीरिक व मानसिक रोगों का कारण बन सकती हैं बल्कि हमारे आम जीवन तथा दिनचर्या को भी गंभीर रूप में प्रभावित कर सकती है.
विश्व नींद दिवस के अवसर पर ना सिर्फ वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी के सदस्य बल्कि 70 से अधिक देशों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिवक्ता, नींद विशेषज्ञ तथा कई सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं अच्छे नींद स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर गतिविधियों का आयोजन करते हैं. इस वर्ष इस अवसर पर वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी तथा अन्य संगठनों द्वारा आम लोगों से इस आयोजन में भागेदारी सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर हैशटैग #WorldSleepDay के साथ अच्छी व खराब नींद के स्वास्थ्य पर असर के बारे में प्रचार करने, इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने और अच्छी नींद से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा करने की अपील की गई है.
अच्छी और नियमित नींद नहीं लेने से लोग मानसिक और शारीरिक रोगों के शिकार हो जाते हैं. विश्व नींद दिवस का इतिहास
विश्व नींद दिवस की शुरुआत वर्ष 2008 में वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी की विश्व नींद दिवस समिति द्वारा गंभीर नींद की समस्या वाले लोगों की मदद करने के उद्देश्य से की गई थी. इस समिति में वे स्वास्थ्य पेशेवर और प्रदाता शामिल थे जो नींद की दवा और नींद अनुसंधान के क्षेत्र में अध्ययन कर रहे थे. विश्व नींद दिवस को हर साल स्प्रिंग वर्नल इक्विनॉक्स (spring vernal equinox) से पहले शुक्रवार को मनाया जाता है. इस साल यह आयोजन 17 मार्च को आयोजित किया जा रहा है. गौरतलब है कि विश्व नींद दिवस के अवसर पर 70 से अधिक देशों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिनमें नींद से संबंधित विभिन्न मुद्दों, नींद की दवा, नींद के बारे में शिक्षा और नींद की कमी के रोजमर्रा के जीवन पर पड़ने वाले सामाजिक प्रभावों तथा खराब नींद के संपूर्ण स्वास्थ्य पर हल्के से लेकर गंभीर प्रभावों को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
कैसे बेहतर करें नींद स्वास्थ्य
मनोवैज्ञानिकों की माने तो अच्छी नींद मस्तिष्क और शारीरिक सेहत सभी के लिए जरूरी होती है. अच्छी गुणवत्ता वाली नींद के लिए स्लीप हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जिसके लिए कुछ आदतों को अपनाना बेहद जरूरी है, वहीं कुछ आदतों को अपनाने से नींद की गुणवत्ता को बेहतर करने में काफी मदद मिल सकती है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
1. समय पर सोना समय पर जागना.
2. बेड टाइम रूटीन ठीक रखना जैसे सोने के कमरे का माहौल ठीक रखना, देर तक टीवी तथा मोबाइल देखने से बचना आदि.
3.सही समय पर सही आहार लेना.
4.नियमित व्यायाम तथा मेडिटेशन करना.
5. तनाव से दूर रहने का हर संभव प्रयास करना.
6. काम के साथ विश्राम भी करना.
7. कैफीन का कम से कम सेवन करना.
8. यदि स्लीप एपनिया और अनिद्रा जैसे विकार हैं तो उनका सही इलाज लेना आदि.
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