हैदराबाद : सितंबर माह में 22 तारीख को हर साल विश्व गैंडा दिवस मनाया जाता है. प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ की ओर से गैंडा को IUCN Red List 2008 में शामिल किया गया है. इस उन जीवों को शामिल किया जाता है, जो विलुप्त होने के कगार पर है. धरती पर गैंडा विलुप्त होने वाले जीवों में शामलि है. गैंडों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 22 सितंबर को एक साथ विश्व गैंडा दिवस मनाया जाता है, ताकि इस विलुप्त होने से बचाया जा सके. भारत में गैंडों के बचाने के लिए इंटरनेशनल राइनो फाउंडेशन विभिन्न एजेंसिों के साथ मिलकर काम कर रहा है. विश्व गैंडा दिवस 2023 थीम: ग्रेटर एक सींग वाला गैंडा (Greater one-horned rhinoceros) है.
विश्व गैंडा दिवस:1990 के दशक में अफ्रीका के कुछ हिस्सों में गैंडे के अस्तित्व पर संकट शुरू हो गया था. 2010 तक अफ्रिका में इस समस्या ने देशव्यापी रूप ले लिया. इसके बाद इस संकट ने अचानक से वहां के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. इस खतरे के बारे में लोग खुल कर बोलने लगे. गेंडों की यह स्थिति धरती के अन्य भाग पर था. इसके बाद यह विलुप्त होकर पूरी दुनिया में उन दिनों गैंडों की संख्या महज 30,000 ही जीवित रह गया. इसके बाद विश्व वन्यजीव कोष - दक्षिण अफ्रीका (World Wildlife Fund - South Africa) ने गैंडों को विलुप्त होने से बचाने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व गैंडा दिवस मनाने की घोषणा की. लिसा जेन कैंपबेल नामक (Lisa Jane Campbell) एक महिला ने 2011 में गैंडा प्रेमी अपने पड़ोसी रिशजा को खत/मेल लिखकर दुनिया में गैंडों की कम से कम पांच प्रजातियों को देखने की इच्छा व्यक्त की. इन दो महिलाओं के बीच संवाद और उनकी इच्छाएं गैंडों के संरक्षण के दिशा में विश्व गैंडा दिवस के रूप में माल का पत्थर साबित हो गया.
wwfindia के अनुसार भारत 2900 से ज्यादा गैंडों का घर है. यह एशिया में पायी जाने वाली एक मात्र स्तनपायी जीव है, जिन्हें प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ ने साल 2008 में लुप्तप्राय या कमजोर वर्ग में सूचीबद्ध किया गया है. यह की एकमात्र बड़ी स्तनपायी प्रजाति है जिसे 2008 में IUCN रेड सूची में लुप्तप्राय से कमजोर वर्ग की सूची (IUCN Red List 2008) में शामिल कर दिया गया है. इसके अर्थ है कि गेंडा विलुप्त होने के कगार पर है. इसके संरक्षण के लिए सार्थक पहल किया जाय. विश्व की गैंडे की पांच प्रजातियां जो अफ्रीका और एशिया में पायी जाती हैं. प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (International Union for Conservation of Nature) की सूची में इन्हें विलुप्त होने वाले जीवों की सूची में शामिल किया गया है.
- जावन गैंडे (गैंडा सोंडाइकस): गंभीर रूप से लुप्तप्राय (IUCN)
- सुमात्रा गैंडे (डिसेरोरिनस सुमाट्रेन्सिस): गंभीर रूप से लुप्तप्राय (IUCN)
- काले गैंडे (डाइसेरोस बाइकोर्निस): गंभीर रूप से लुप्तप्राय (IUCN)
- सफेद गैंडे (सेराटोथेरियम सिमम): खतरे के करीब (IUCN)
- ग्रेटर एक सींग वाले गैंडे (गैंडा यूनिकॉर्निस): कमजोर (IUCN)