लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ कालिदास मार्ग स्थित सीएम आवास से किया. उन्होंने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाला राज्य कुछ ही वर्षों के बाद ही 25 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, लोगों का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा और जनसंख्या बढ़ती जा रही है तो उस समय यह एक बड़ी चुनौती है. इस चुनौती का सामना हमारे प्रदेश को न करना पड़े इसलिए जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस का अर्थ ही है जनसंख्या नियंत्रण, ताकि आम जनता को इसके प्रति जागरूक किया जा सके.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जागरूकता का यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण होता है. अगर हमें अपने लक्ष्य पर पहुंचना है तो जनसंख्या वृद्धि को हमें सिर्फ स्वास्थ्य से ही नहीं जोड़ना चाहिए, बल्कि इससे संबंधित सभी विभागों को जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर तबके के लोगों को इससे जोड़ना चाहिए. इसमें ग्राम विकास, पंचायतीराज और नगर विकास इसमें शामिल हो. इससे शिक्षा विभाग दूर क्यों है? उन्होंने कहा कि आप परिवार नियोजन और स्तरीकरण की बात करते हैं तो यह बात ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण का यह अभियान सफल होना चाहिए. लेकिन, जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न आने पाए.
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या का हमारी बढ़ती जरूरतों से सीधा संबंध है. जरूरी है कि उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के मुताबिक ही जनसंख्या को नियंत्रित किया जाए. साल 2021 में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 2021-2030 के लिए नई जनसंख्या नीति जारी की थी. नई जनसंख्या नीति में जन्म दर को 2026 तक प्रति हजार जनसंख्या पर 2.1 और 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में यूपी की कुल प्रजनन दर वर्तमान में 2.7 प्रतिशत है.