World Ozone Day 2023 : जानें ओजोन परत के लिए कौन सा केमिकल है सबसे ज्यादा खतरनाक
International Day of the Preservation of the Ozone Layer 2023 : आज अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस 2023 (World Ozone Day 2023) है. यह दिवस हम सबों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि धरती पर मौजूद तमाम जीवों को सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays) से रक्षा करने वाले ओजोन सतह को बचाने के लिए जागरूकता को बढ़ाया जा सके. पढ़ें पूरी खबर...
हैदराबाद:पृथ्वी परघटते वन क्षेत्र और बढ़ते प्रदूषण संपूर्ण जीव-जन्तु के लिए खतरनाक हैं. सबसे बड़ा खतरा ओजोन परत में प्रदूषण के कारण लगातार जारी क्षय है. वैज्ञानिकों के अनुसार इसके पीछे मुख्य कारण पर्यावरण में हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन माना जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ के वेबसाइट के अनुसार हेलो कार्बन नामक रसायन की मात्रा से ओजोन परत को ज्यादा मात्रा में नुकसान हो रहा है. हेलोकार्बन में एक या इससे अधिक परमाणु कई हैलोजन परमाणुओं से आपस में जुड़े होते हैं. हैलोजन परमाणु में क्लोरीन, फ्लोरीन, आयोडीन या ब्रोमीन मौजूद होता है. ब्रोमीन युक्त हेलो कार्बन के अनुपात में क्लोरीन युक्त हेलोयुक्त कार्बन में काफी ज्यादा मात्रा में ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने की क्षमता (Ozone Depleting Potential) होती है. अलग-अलग कामों के लिए इंसानों के द्वारा तैयार रसायनों से ओजोन लेयर को काफी नुकसान पहुंचता है.
16 सितंबर 1987 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हुआ था हस्ताक्षर
संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 16 सितंबर 1994 को ओजोन परत संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया. 16 सितंबर 1987 को ओजनो लेयर को नष्ट करने वाले पदार्थों (Ozone Layer commemorating) के संबंध में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol On Substances) पर हस्ताक्षर किया गया था, इसी कारण इसी तिथि को ओजोन परत संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का फैसला लिया गया.
वियना कन्वेंशन मील का पत्थर
ओजोन लेयर नुकसान की वैज्ञानिक पुष्टि के बाद दुनिया के कई देशों ने साथ मिलकर इस दिशा में कदम उठाने का फैसला लिया. ओजोन परत को संरक्षण से बचाने के लिए वियना कन्वेंशन के दौरान एक तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया. 1985 में 22 मार्च को 28 देशों ने वियना कन्वेंशन को अपनाया और हस्ताक्षरित किया. लेकिन इसमें दुनिया के बाकी देशों की सहभागिता जरूर है.
क्यों महत्वपूर्ण है ओजोन परत
ओजोन (तीन ऑक्सीजन परमाणुओं का एक अणु) है. यह ऊपरी वायुमंडल में पाया जाने वाला एक क्षेत्र है, जिसे समताप मंडल (Stratosphere) कहा जाता है. ओजोन की दूरी पृथ्वी की सतह से 10 से 50 किमी की दूरी पर है. एक परत के रूप में बात की जाये तो वायुमंडल में ओजोन परत का धीरे-धीरे क्षय हो रहा है. बता दें कि ओजोन अणु पृथ्वी पर जीवन के लिए एक बड़े खतरे को खत्म करता है. यूवी किरणें त्वचा कैंसर और अन्य का कारण बन सकती हैं.
पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश के बिना जीवन संभव नहीं है. वहीं ओजोन लेयर नहीं रहने पर सूर्य से निकलने वाली किरणें पृथ्वी पर जीवन के लिए नुकसानदेह हो जायेगा. यह समतापमंडलीय परत पृथ्वी ( Stratospheric Layer Shields ) को सूर्य की अधिकांश हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों (suns Harmful Ultraviolet Radiation) से बचाती है और जीवन को संभव बनाती है.
ओजोन परत संरक्षण दिवस 2023
यूवी किरणों के हानिकारक प्रभाव:
यूवी किरणों के कारण त्वचा कैंसर हो सकता है.
यूवी किरणें त्वचा में जलन का कारण बन सकती हैं.
यूवी विकिरणों के अधिक संपर्क में आने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है.
यूवी किरणों के कारण आंखों को नुकसान पहुंचता है और 'जलन' संभव है.
यूवी किरणों के कारण 'स्नो ब्लाइंडनेस' (Snow Blindness) हो सकता है.
यूवी किरणें त्वचा की उम्र बढ़ने की गति भी बढ़ा देती हैं.
यदि आप ओजोन परत को नुकसान से बचाने की दिशा में कदम उठाना जरूरी है. इस दिशा में दुनिया के सभी देशों की सरकारों के साथ-साथ आम लोगों को सामूहिक जिम्मेदारी लेनी होगी. इसके लिए इन कदमों पर फोकस करना जरूरी है.
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किय जा सके. पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कारपूलिंग बेहतर विकल्प है. साइकिल जैसे प्रदूषण रहित विकल्पों का उपयोग को बढ़ावा दिया जाय.
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाया जाय. प्लास्टिक या पॉलिथीन के उत्पादन और प्रयोग को प्रतिबंधित किया जाय. रिसाइकिल होने वाले प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दिया जाय. कचरा जलाने पर प्रतिबंध के साथ-साथ जागरूकता पर बल दिया जाय.
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाये जायें. इको प्रेंडली उत्पादों को बढ़ावा देने लिए हर स्तर पर कदम उठाये जायें. जैसे प्लास्टिक की जगह पर जूट के बैग को बढ़ावा दिया जाय. पेड़-पौधों के बर्बाद होने अव्यवों से ग्रीन उत्पाद तैयार किये जायें.
कीटनाशकों में उपयोग होने वाले रसायन से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. फल-सब्जियों में कीटनाशक के उपयोग कीटनाशक के उपयोग के कारण मनुष्य और जानवरों पर भी खराब प्रभाव पड़ता है. कीटों के प्रबंधन के लिए इको-फ्रेंडली मॉडल पर विचार किया जाय.
सीएफसी उत्सर्जित करने वाले उत्पादों के विकल्प पर और अधिक फोकस किया जाय, ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो.
मौसम और रौशनी फ्रेंडली भवनों को प्राथमिकता के आधार पर बढ़ावा दिया जाय, ताकि उर्जा की बचत हो. इससे बिजली की खपत कम होने के साथ पर्यवारण को नुकसान पहुंचाने वाले उपकरण जैसे एसी आदि पर निर्भरता कम किया जा सके.