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विश्व दुग्ध दिवस : जानें इन आठ प्रकार के दूध के बारे में, शरीर को कैसे पहुंचाते हैं लाभ

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा वैश्विक खाद्य के रूप में दूध के महत्व को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (world milk day) मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को दूध की विशेषताओं के विषय में जागरूक करना है.

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Published : Jun 1, 2021, 7:19 PM IST

वाराणसी : पूरे विश्व में एक जून को विश्व दुग्ध दिवस (world milk day) मनाया जाता है. 2001 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा इस अंतरराष्ट्रीय दिवस को स्थापित किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को दूध की विशेषताओं के विषय में जागरूक करना है, ताकि लोग इसे अपने डाइट में शामिल करें.

ज्यादातर लोगों में यह भ्रम रहता है कि दूध केवल बच्चों के लिए जरूरी है, लेकिन वास्तविकता में यह हर उम्र के व्यक्ति के लिए जरूरी होता है. प्रतिदिन एक ग्लास दूध पीने से व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. यह बीमारियों से भी दूर रखता है. दूध हमारे आहार के लिए कितना जरूरी है, इसके सेवन से क्या-क्या फायदे होते हैं, किस समय दूध का सेवन करना चाहिए और किसका दूध व्यक्ति के लिए जरूरी होता है? इन सवालों के जवाब आयुर्वेद चिकित्सक ने दिए.

दूध के बारे में जानें सबकुछ.
इस वर्ष की ये है थीम

सबसे पहले आपको बता दें कि हर वर्ष दुग्ध दिवस की अलग-अलग थीम होती है. इस वर्ष की थीम पर्यावरण, पोषण और सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता को केंद्र में रखकर बनाया गया है. जो इस प्रकार है- 'Sustainability in the Dairy Sector along with Empowering the Environment, Nutrition, and Socio- Economic'. इस थीम का उद्देश्य नियमित रूप से दूध को आहार में शामिल करना और डेयरी उत्पादों के प्रति लोगों को जागरूक करना है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके और लोग दूध का सही से प्रयोग कर सकें.

दूध पीने के हैं फायदे.
डाइट को पूर्ण करता है दूध

राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय के कायचिकित्सा और पंचकर्म विभाग के डॉ. अजय कुमार गुप्ता बताते हैं कि जब कभी भी सम्पूर्ण भोजन की बात होती है तो सबसे पहले दूध का नाम सामने आता है. दूध में प्रोटीन, विटामिन A, B1, B12, विटामिन D, पोटेशियम और मैग्नीशियम आदि बहुत से जरूरी तत्व होने की वजह से इसे सबसे ज्यादा पोषक माना जाता है. शाकाहारी के लिए दूध को इसीलिए पूर्ण भोजन माना जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और वो सारे विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं. दूध में मौजूद इतने सारे न्यूट्रीशनल और पाचक गुण होने की वजह से इसे आयुर्वेद में एक अलग ही स्थान दिया गया है.

ये 8 प्रकार के दूध होते हैं विशेष

डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि सामान्यत: दूध मधुर, चिकना, ओज एवं रस आदि धातुओं को बढ़ाने वाला, वात पित्त कम करने वाला, वीर्य को बढ़ाने वाला, कफकारक, भारी और शीतल होता है. डॉ. अजय के मुताबिक, आयुर्वेद के आचार्यों ने मुख्य रूप से 8 प्रकार के दूध का उल्लेख किया है. इसमें गाय, भैंस, बकरी, ऊंटनी, घोड़ी, हथिनी, गधी और स्त्री के दुग्ध पर विशेष वर्णन मिलता है. इन आठों में से स्त्री यानी मां का दूध सर्वोत्तम बताया गया है. इसके बाद गाय और बकरी के दूध को अधिक फायदेमंद बताया है.

गाय के दूध के गुण

  • गाय का दूध सभी जानवरों के दूध में सर्वश्रेष्ठ होता है. इसमें जीवनीय शक्ति और ओज को बढ़ाने वाले सभी गुण होते हैं.

भैंस के दूध के गुण

  • भैंस के दूध में गाय के दूध से अधिक वसा होती है. पचाने में भारी और अधिक शीत प्रकृति का होता है. इसके पीने से अधिक निद्रा आती है और अधिक भूख लगने की बीमारी में इससे अधिक लाभ होता है. अधिक वजन वाले लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.


बकरी के दूध के गुण

  • बकरी का दूध थोड़ा मीठा और कसैला होता है. शीघ्र पच जाता है. यह डायरिया और राजयक्ष्मा में बहुत ही फायदेमंद होता है. छोटे बच्चों जिनकी मां को दूध नहीं होता, उनमें गाय के दूध के बदले बकरी का दूध लाभ पहुंचाता है. बाकी ऊंटनी, घोड़ी और गधी का दूध भी अलग-अलग रोगों में फायदेमंद होता है, लेकिन आसानी से उपलब्ध नहीं होता है.

डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि गाय का मतलब सिर्फ देसी गाय से है, न कि हाइब्रिड गाय से. जहां तक एल्योपैथ या साइंस की मानें तो दूध केवल दूध होता है. इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार, एक ही देसी गाय का दूध भी अलग-अलग कारणों से तमाम गुणों से भरपुर होता है.

कोरोना काल में ऐसे करें दूध का सेवन

डॉ. गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में इम्यूनिटी स्ट्रांग करने के लिए दूध एक रामबाण के रूप में है. मात्र गाय के दूध का सेवन करने से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता में मजबूत होती है. उन्होंने बताया कि दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. साथ ही हृदय और श्वसन तंत्र को यदि मजबूत रखना है, तो इसके लिए गाय के दूध में अर्जुन का पाउडर मिलाकर पीना चाहिए. इससे मनुष्य स्वस्थ रहता है.

किस समय दूध लेना चाहिए

  • प्रायः सवेरे निकाला गया दूध अधिक शीतल होता है. अर्थात इसका पाचन बहुत देर से होता है और कॉन्स्टिपेशन करता है. इसलिए यदि डायरिया का रोगी है, तो इसमें सुबह का दूध बढ़िया होता है.
  • शाम को निकाला गया दूध सारक होता है. अर्थात कॉन्स्टिपेशन (Constipation) के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है. इसका पाचन आसानी से हो जाता है.
  • सुबह का कच्चा दूध जिसे उबाला नहीं गया है, यह अभिष्यंदी और भारी होता है. इससे पेट में भारीपन और अपच की शिकायत हो सकती है. इसी दूध को उबाल देने से इसका भारीपन कम हो जाता है. इसे पीने पर कुछ नुकसान नहीं होता.
  • यदि दूध को बहुत ज्यादा देर तक उबाल दिया जाए तो यह भारी हो जाता है. इसलिए इसे बहुत अधिक देर तक नहीं उबालें. वजन बढ़ाना हो तो यह दूध लाभदायक होता है.

किसके साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए

  • केले को दूध के साथ नहीं इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि दूध के साथ केला मिलाकर अत्यधिक शीत और भारी हो जाता है. इसकी वजह से सर्दी, खांसी, जुखाम, एलर्जी और स्किन पर चकते पड़ने लगते हैं.
  • दूध को मछली के साथ नहीं लेना चाहिए.
  • दूध को अम्ल द्रव्यों यानी खट्टी चीजों के साथ नहीं लेना चाहिए.

पढ़ेंःसंपूर्ण आहार होता है दूध: विश्व दुग्ध दिवस 2021

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