नई दिल्ली : पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) 8 सितंबर को मनाया जाता है. विश्व में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रत्येक साल 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day 2022) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में लोगों के प्रति शिक्षा को प्राथमिकता देने को बढ़ावा देना है. अबकी बार विश्व साक्षरता दिवस 2022 (World Literacy Day 2022) मनाया जा रहा है. इस दिन सयुंक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को के द्वारा तमाम तरह के आयोजन किए जाते हैं और अंतरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार भी दिए जाते हैं.
पहला विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day )
ऐसा बताया जाता है कि निरक्षरता को खत्म करने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाने का विचार पहली बार ईरान के तेहरान में शिक्षा के मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान साल 1965 में 8 से 19 सितंबर को चर्चा के दौरान की गई थी, जिसमें यूनेस्को ने साल 1965 में विश्व साक्षरता दिवस की घोषणा की थी. इसके बाद पहला विश्व साक्षरता दिवस 8 सितंबर 1966 को मनाया गया था. इतना ही नहीं साल 2009-2010 में सयुंक्त राष्ट्र साक्षरता दशक घोषित किया गया. तब से आज तक पूरे विश्व में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
विश्व साक्षरता दिवस 2022 की थीम (World Literacy Day Theme)
विश्व साक्षरता दिवस पर हर साल एक थीम जारी की जाती है, जिसको ध्यान में रखकर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. अबकी बार अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2022 ( International Literacy Day 2022) के सम्मेलन की थीम "Transforming Literacy Learning Spaces ; Exploring Opportunities and Possibilities” रखी गयी है, जिसके ज़रिये सीखने-समझने के माहौल और तौर-तरीक़ों में कई आमूलचूल बदलाव लाये जाने पर ज़ोर दिया जाएगा. प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का थीम अलग होता है और इसी के हिसाब से कार्यक्रम व पुरस्कारों की घोषणा की जाती है..
- 2015 – “साक्षरता एवं सतत् समाज”
- 2016 – ” इतिहास पढ़े और भविष्य लिखें”
- 2017 – ” डिजिटल दुनिया में शिक्षा”
- 2018 – “साक्षरता और कौशल विकास”
- 2019 – ” साक्षरता और बहु भाषावाद”
- 2020 – “साक्षरता शिक्षण और कोविड-19 संकट से परे और उससे परे के संकट”
- 2021- ''Literacy for a human-centered recovery : Narrowing the digital divide''
- 2022- ''Transforming Literacy Learning Spaces ; Exploring Opportunities and Possibilities''
इसे भी पढ़ें :भारत की इस संस्था समेत दुनिया की 6 संस्थाओं को मिलेगा UNESCO साक्षरता पुरस्कार 2022
ऐसे हैं आंकड़े
संयुक्त राष्ट्र के द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में चार अरब के आस-पास लोग ही साक्षर हैं. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो पूरी दुनिया में हर 5 वयस्क लोगों में से एक व्यक्ति अब भी निरक्षर बताया जा रहा है. जहां तक हमारे देश भारत की बात है तो यहां 2018 में जारी एमएचआरडी की शैक्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की साक्षरता दर 69.1 प्रतिशत है. यह संख्या गांव और शहरों दोनों के आंकड़ों के हिसाब से जारी की गयी है. ग्रामीण भारत में साक्षरता दर 64.7 प्रतिशत है, जिसमें महिलाओं का साक्षरता रेट 56.8 प्रतिशत तो पुरुषों का 72.3 प्रतिशत है. शहरी भारत में साक्षरता दर 79.5 प्रतिशत है, जिसमें 74.8 प्रतिशत महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं. वहीं, 83.7 प्रतिशत पुरुष पढ़े-लिखे हैं. देश में सबसे अधिक साक्षर राज्य केरल है और सबसे कम साक्षर राज्य बिहार है. उत्तर प्रदेश 5 सबसे कम साक्षर राज्यों में से एक है.
ऐसा माना जाता है कि किसी देश में साक्षरता को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं, जिसका असर साफ तौर पर अलग देशों में देखा जा सकता है. जहां तक भारत वर्ष की बात है यहां पर गरीबी, विद्यालयों की कमी, विद्यार्थी शिक्षक अनुपात, जातिवाद, शिक्षा में भ्रष्टाचार, लड़कियों के साथ छेड़छाड़ व अन्य आपराधिक घटनाएं साक्षरता कम होने के प्रमुख कारण हैं.