वाशिंगटन/लंदन: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर बृहस्पतिवार को दुनिया भर के नेताओं ने शोक जताया और उन्हें 'सहृदय' महारानी बताते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 1982 में महारानी के साथ अपनी पहली मुलाकात और 2021 में ब्रिटेन यात्रा के दौरान महारानी की मेजबानी को याद किया.
बाइडन ने कहा, 'उन्होंने अपनी हाजिरजवाबी से हमें प्रभावित किया, दयालुता से हमारा दिल जीत लिया और खुले दिल से अपने अनुभव हमारे साथ बांटे. 9/11 के बाद हमारे सबसे बुरे वक्त में वह अमेरिका के साथ एकजुट होकर खड़ी रहीं, उन्होंने हमें याद दिलाया कि 'तकलीफ वह कीमत है जो हम प्यार के लिए चुकाते हैं.' वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ले कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से वह बहुत दुखी हैं.
उन्होंने महारानी के परिवार, ब्रिटेन की सरकार, जनता के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन की सबसे ज्यादा उम्र की और देश पर सबसे लंबा शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दुनिया भर में उनके दया भाव, गरिमा और समर्पण के लिए जाना जाता है. दशकों की उनकी मौजूदगी को देखा जा सकता है, फिर चाहे पर अफ्रीका और एशिया से औपनिवेशिक शासन का खात्मा हो या फिर राष्ट्रमंडल देशों का विकास.'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता की प्रतिमूर्ति रहीं और उनके साथ 2015 तथा 2018 में हुई यादगार मुलाकातों को याद किया. मोदी ने कहा, 'मैं उनकी गर्मजोशी और उदारता को कभी नहीं भूल सकता हूं. एक भेंट के दौरान उन्होंने मुझे वह रुमाल दिखाया जो उनके विवाह के अवसर पर महात्मा गांधी ने उन्हें भेंट किया था. उनके इस व्यवहार को सदा पसंद करता हूं.'
उन्होंने कहा, 'महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक कद्दावर शख्सियत के रूप में सदैव याद रखा जाएगा. वह सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता की प्रतिमूर्ति थीं. उनके निधन से दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं.' फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने श्रद्धांजलि देने हुए कहा कि महारानी 'दयालु शासक' थीं और ‘फ्रांस की मित्र थीं.'
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