World Environment Day 2023: देश में सालाना 3.47 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे का होता है उत्पादन, रिसाइकलिंग बड़ी समस्या - Beat Plastic Pollution
बढ़ती आबादी के साथ दुनिया भर में प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है और पर्यावरण को स्वच्छ रखना एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है. भारत में प्लास्टिक इंडस्ट्री एक ओर रोजगार पैदा करने में टॉप पर है. वहीं प्लास्टिक कचड़ा पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है. आज विश्व पर्यावरण दिवस पर पढ़ें पूरी रिपोर्ट. Millions Tones Plastic Waste is Produced Annually in India. Recycling Big problem
विश्व पर्यावरण दिवस 2023
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Published : Jun 5, 2023, 9:01 AM IST
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Updated : Aug 26, 2023, 7:25 PM IST
हैदराबाद : धरती और मानव जाति की रक्षा के लिए पर्यावरण की रक्षा जरूरी है. मनुष्य और पर्यावरण का गहरा संबंध है, क्योंकि प्रकृति के बिना जीवन का अस्तित्व नहीं हो सकता. प्रकृति के साथ सद्भाव बनाए रखना सभी मनुष्यों के लिए आवश्यक है, लेकिन प्रौद्योगिकी का आमूल-चूल विकास और आधुनिक जीवन शैली में वृद्धि पर्यावरण को खतरे में डाल रही है. पर्यावरण जागरूकता और स्वच्छता के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.
पर्यावरण से जलीय जीवों को नुकसान ( फोटो- नीति आयोग)
वैश्विक स्तर पर प्रति व्यक्ति प्लास्टिक उपयोग 28 किलोग्राम नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्तर पर 97-99% प्लास्टिक जीवाश्म ईंधन फीड स्टॉक से प्राप्त होते हैं. मात्र 1-3% बायो (पौधे) आधारित प्लास्टिक से आते हैं. 1950 में 2 मिलियन टन प्लास्टीक का उत्पादन होता था, वहीं 2015 के आंकड़ों के अनुसार उप्दान 381 मिलियन टन तक पहुंच गया है. 2014-15 के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर प्रति व्यक्ति प्लास्टिक उपयोग 28 किलोग्राम है.
प्लास्टिक कचड़ा ( फोटो- नीति आयोग)
30 हजार प्लास्टिक उद्योग 40 लाख लोगों को देता है रोजगार भारत की बात करें तो आजादी के बाद से प्लास्टिक उपयोग देश में लगातार बढ़ रही है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1990 में 0.9 मिलियन टन प्लास्टिक उपयोग 2018 तक 18.45 मिलियन तक पहुंच गया है. भारत में प्लास्टिक उद्योग रोजगार पैदा करने के मामले में काफी आगे है. देश में 30 हजार के करीब प्लास्टिक उद्योग हैं, इनमें ज्यादातर छोटे व मध्यम उद्योग हैं. इससे 4 मिलियन (40 लाख) लोगों को रोजगार मिलता है. 5.1 लाख करोड़ रुपये (73 बिलियन अमेरिकी डॉलर) मूल्य का रोजगार पैदा करता है.
वैश्विक पैमाने पर प्लास्टिक की स्थिति
पैकिंग में सबसे ज्यादा उपयोग होता है प्लास्टिक भारत में सबसे ज्यादा 24 फीसदी प्लास्टिक का उपयोग पैकिंग के लिए, कृषि कार्य के लिए 23 फीसदी, घरेलू उपयोग वाली सामग्री में 10 फीसदी उपयोग है. भारत में 2019-20 के आंकड़ों के अनुसार हर साल 3.4 मिलियन प्लास्टिक कचड़े का उत्पादन होता है. 2016-20 में बीते पांच साल की तुलना में प्लास्टिक कचड़ा उत्पादन डबल हो हुआ है. गोवा, दिल्ली और केरल प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचड़ा उत्पादन करने वाले राज्यों में टॉप पर है. वहीं नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा सबसे कम प्लास्टिक कचड़ा उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल है.
सेक्टरवार प्लास्टिक उपयोग
सेंट्रल के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति वर्ष लगभग 3.47 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है. प्रति व्यक्ति कचरा 700 ग्राम से बढ़कर 2500 हो गया है. प्लास्टिक से पैदा हुए कचरे का रिसाइकलिंग नहीं होना बड़ी समस्या है. देश में कुल प्लास्टिक कचरे का केवल 60% एकत्र करता है, शेष 40% बिना एकत्र किए प्रवेश करता है. अपशिष्ट के रूप में यह पर्यावरण को सीधे नुकसान पहुंचाता है. 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का लक्ष्य था. लेकिन जमीनी स्तर पर प्रतिबंध के बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग जारी है.
वर्ष 1972 में हुई थी विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत वर्ष 1972 में हुई थी, और इसकी नींव 5 जून, 1972 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा रखी गई थी. इस दिन को शुरू में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गया था, जिसमें लगभग 119 देशों ने भाग लिया था. दिन का उद्देश्य हर दिन दुनिया में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को उजागर करना और प्रकृति पर इसके खतरनाक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना है.
भारत में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर1986 से लागू भारत ने भी पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कानून पारित किए हैं. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर, 1986 को लागू किया गया था. देश में छोटे-छोटे कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा के लिए विभिन्न पहल की जा रही हैं. हर साल, विश्व पर्यावरण दिवस एक थीम का उपयोग करके दुनिया भर में मनाया जाता है। वर्ष 2023 में, विश्व पर्यावरण दिवस 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' अभियान के आसपास मनाया जा रहा है, ताकि लोगों को यह याद दिलाया जा सके कि प्लास्टिक के आसपास उनके कार्य पर्यावरण के लिए मायने रखते हैं.
कई समुदाय, सरकारें और गैर-सरकारी संगठन दुनिया भर में पर्यावरणीय मुद्दों और समाधानों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करके इस दिन को मनाते हैं. विश्व पर्यावरण दिवस विभिन्न देशों में अलग-अलग तरीकों से संगीत, परेड, रैलियों, अभियानों आदि जैसे आयोजनों के माध्यम से मनाया जाता है.