हैदराबाद :बच्चों का यौन शोषण या किसी अन्य प्रकार का मानवाधिकारों का उल्लंघन है. इसके साथ ही यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और विकास के लिए यह बड़ी समस्या है. ये समस्याएं देश-दुनिया में सभी जगहों पर किसी न किसी रूप में मौजूद है. अलग-अलग देशों में इससे जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग में भिन्नता है. कई जगहों पर सामाजिक सम्मान खोने के डर से इन मामलों को दर्ज नहीं कराया जाता है. बच्चों की खिलाफ हिंसा और इसे रोकने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हर संयुक्त राष्ट्र की ओर से 18 नवंबर को बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की रोकथाम और उपचार के लिए विश्व दिवस के रूप में घोषित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 7 नवंबर 2022 संकल्प प्रस्ताव पास किया गया था.
दिवस के दिन क्या होता है खास
- 18 नवंबर को बच्चों की सुरक्षा के बारे में विभिन्न संगठनों की ओर से आम लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है.
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से सभी सदस्य राष्ट्रों में विभिन्न प्रकार से अभियान चलाया जाता है.
- ग्लोबल लीडर्स, शैक्षणिक संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, सरकार की एजेंसियों की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है.
- बाल यौन शोषण से प्रभावित लोगों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना.
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना ताकि इस बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग सतर्क हो जायें.
- ऑफलाइन, ऑनलाइन माध्यमों से बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार व हिंसा को रोकने और इसे समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाने का अवसर होता है.
- बच्चों के खिलाफ हिंसा और अपराधों के लिए दोषियों को जवाबदेह ठहराना.
- शोषण और हिंसा पीड़ित बच्चों के लिए न्याय और उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करना.
- पीड़ित बच्चों की गरिमा को सुरक्षित करना.
- इस दिन विभिन्न प्लेटफार्मों पर सेमिनार, वर्कशॉप सहित अन्य आयोजन किया जाता है.