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बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज का दिन कई कारणों से है खास, जानें विश्व बाल दिवस का थीम

वैश्विक स्तर पर आज का दिन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है. आज अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस के साथ-साथ विश्व बाल अधिकार दिवस है. आइए इस अवसर पर जानते हैं कि दुनिया में बच्चों की क्या स्थिति है और वे किन चुनौतियां का सामना कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..World Children's Day, World Children's Rights Day, Universal Children's Day.

विश्व बाल दिवस
World Childrens Day

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 20, 2023, 1:11 AM IST

Updated : Nov 20, 2023, 11:59 AM IST

हैदराबाद : 1954 से विश्व बाल दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर के बच्चों के बीच एकजुटता, उन से जुड़े मुद्दों पर लोगों में जागरूकता लाने व बाल कल्याण में सुधार के लिए 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है. साल 1990 के बाद से विश्व बाल दिवस, एक प्रकार से बच्चों के अधिकारों का सालगिरह का प्रतीक है. इस तारीख को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बच्चों के अधिकारों पर घोषणा व कन्वेंशन को अपनाया था. यह दिवस हमें बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने, उनके अधिकारों की वकालत करने, बच्चों के लिए बेहतर दुनिया बनाने के संकल्प लेने और तय योजना पर काम करने के लिए प्रेरित करता है. विश्व बाल दिवस 2023 के लिए थीम 'हर बच्चे के लिए, हर अधिकार' तय किया गया है.

20 नवंबर की तारीख कई कारणों से है महत्वपूर्ण

  • बच्चों के कल्याण में सुधार के लिए हर साल 20 नवंबर को हर बाल दिवस मनाया जाता है.
  • 20 नवंबर 1959 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाया था.
  • 20 नवंबर 1989 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों पर कन्वेंशन को अपनाया था.

बच्चों के सामने चुनौती
अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस, यूनिसेफ की ओर से सालाना आयोजन है. इस दिन बच्चों को उन सभी मुद्दों से अवगत कराया जाता है, जो वर्तमान में और आने वाले समय में चुनौती है. जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ, जलवायु परिवर्तन, नस्लवाद, सामाजिक भेदभाव. इन समस्यों को हल करने के लिए बच्चे स्वयं शपथ लेते हैं और वयस्कों से अपने बेहतर भविष्य बनाने का आह्वान कर रहे हैं. बाल दिवस 2023 पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि दुनिया उनके विचारों और मांगों को सुने और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए साथ आये.

बच्चे, सतत विकास लक्ष्य और वैश्विक चुनौतियां

  1. 2015 के सितंबर माह में नए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को तय किया गया था. ग्लोबल लीडर्स ने 2030 तक दुनिया से गरीबी समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है. लेकिन इसके बाद भी कई जटिल मुद्दों पर काम किया जाना जरूरी है.
  2. वैश्वकि एजेंसियों के अनुसार 2019 से 2030 के बीच लगभग 52 मिलियन बच्चे अपने पांचवें जन्मदिन नहीं मना पायेंगे.
  3. हाई इनकम वाले देशों के बच्चों की तुलना में उप-सहारा अफ्रीका के बच्चे की मौत की संभावना 16 गुना अधिक संभावित है.
  4. अत्यधिक गरीबी में जीवन जीने वाले 10 में से नौ बच्चे उप-सहारा अफ्रीका में रहते हैं.
  5. 150 मिलियन से अधिक अतिरिक्त लड़कियों की शादी 2030 तक उनके 18वें जन्मदिन से पहले होने की संभवना है.

भारत में लैंगिक समानता

  1. जन्म के समय लिंग अनुपात 2001 में 905 से घटकर 2011 में प्रति 1,000 लड़कों पर 899 लड़कियां हो गया.
  2. भारत में पांच साल से कम उम्र की लड़कियों की मृत्यु दर 11 प्रतिशत अधिक है, जबकि विश्व स्तर पर, पांच साल से कम उम्र के लड़कों की मृत्यु दर 9 प्रतिशत अधिक है.
  3. 15 से 19 वर्ष की लगभग 56 प्रतिशत लड़कियाँ 30 प्रतिशत लड़कों की तुलना में एनीमिया से पीड़ित हैं.
  4. केवल 12.7 प्रतिशत भूमि जोत महिलाओं के नाम पर है, जबकि 77 प्रतिशत महिलाएं अपनी आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में कृषि पर निर्भर हैं.

भारत में बच्चों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है

  1. बाल शोषण
  2. बाल सैनिक
  3. बाल श्रम
  4. बाल विवाह
  5. बाल तस्करी
  6. घरेलू हिंसा के शिकार बच्चे
  7. शैक्षिक अधिकारों का उल्लंघन

बाल अधिकार क्या हैं
1959 के बाल अधिकारों की घोषणा को 20 नवंबर 2007 को अपनाया गया था. अगर बाल अधिकारों की बात करें तो इसमें जीवन, पहचान, भोजन, पोषण, स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा, मनोरंजन, नाम, राष्ट्रीयता, परिवार, पारिवारिक वातावरण, उपेक्षा, दुर्व्यवहार से सुरक्षा का अधिकार मुख्य रूप से शामिल है. आज भी इन सभी अधिकारों के लिए बच्चों को लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है. इसके अलावा आज के समय में बच्चों के सामने दुर्व्यवहार से मुक्ति व अवैध तस्करी का मामला वैश्विर समस्या है.

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Last Updated : Nov 20, 2023, 11:59 AM IST

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