कोरबा: साइकिलिंग का सेहत से मजबूत संबंध है, यदि आप नियमित तौर पर साइकिलिंग करते हैं तो निश्चित तौर पर बीमारियों से दूर रह सकते हैं. साइकिल एक लोकप्रिय खेल भी है. साइकिल की विशेषता और बहुमुखी प्रतिभा को पहचानने के लिए 3 जून को अंतर्राष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है (World Bicycle Day). कटघोरा में मौजूद राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी साइकिल को सेहत का दोस्त बताते हैं. इसके साथ ही वे कहते हैं छत्तीसगढ़ में कटघोरा साइकिलिंग का हब है. बावजूद इसके उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पा रही है, महंगी साइकिल और संसाधनों के अभाव में लोग आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.
कटघोरा और आसपास के गांव जिनमें बांगो, तुमान, बिंझरा जैसे इलाके शामिल हैं. यहां के बच्चे साइकिलिंग के खेल में महारथ रखते हैं. उनके पास महंगी साइकिल नहीं है. लेकिन बावजूद इसके वह राज्य भर के मंझे हुए खिलाड़ियों को वर्षों से धूल चटाते आ रहे हैं. राज्य स्तर की प्रतियोगिता में कटघोरा के खिलाड़ियों का दबदबा होता है. फिर चाहे वह स्कूल गेम्स हों या फिर कॉलेज स्तर की प्रतियोगिताएं. साइकिलिंग के खेल में कटघोरा का यह ग्रुप हर साल पदक लेकर आता है.
मैदान की कमी बिगाड़ रहा वॉलीबॉल खिलाड़ियों का भविष्य
पहाड़ों और घाटों में साइकिलिंग का अनुभव
कटघोरा क्षेत्र के स्पोर्ट्स टीचर विशाल दुबे कहते हैं कि कटघोरा क्षेत्र और आसपास का इलाता घाटों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. हसदेव नदी के किनारे बसे बांगो सहित आसपास के इलाके घाटियां जैसी है. बच्चों को घाटियों में साइकिल चलाने का अनुभव है. जिसके कारण वह संसाधनों के अभाव में भी बाकी खिलाड़ियों पर भारी पड़ते हैं. बावजूद इसके इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अच्छी कोचिंग, डाइट और महंगी साइकिल नहीं होने के कारण बच्चे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पिछड़ जाते हैं. जबकि राज्य स्तर की प्रतियोगिता में वह हर साल मैडल जितने में कामयाब रहते हैं. कटघोरा में यदि एक उच्च स्तरीय कोच और साइकिल की एकेडमी सरकार खोल दें, तो बच्चे ना सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन करने की क्षमता रखते हैं.
एक साइकिल की कीमत 3 से 4 लाख रुपये