हैदराबाद : विश्व बैंक (World Bank) के शोधकर्ताओं ने शहरों में आसमान छूती इमारतों (Skyscrapers Buildings) को लेकर एक अध्यन किया है. संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गंगनचुंबी इमारतें बनाने से बेहतर है कि उन्हें लोगों के रहने लायक बनाया जाए.
विश्व बैंक के प्रमुख शहरी अर्थशास्त्री सौमिक लॉल ने थॉमसन रॉयटर फाउंडेशन को बताया ऊंची इमारतें बनाने से ज्यादा, इसके क्षैतिज निर्माण पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है, इसका फायदा यह होगा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रहने के लिए छत मिल सकेगी.
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रिपोर्ट में बताया गया है कि हालांकि, ऊंची इमारतों से आबादी बढ़ने के साथ लोगों के लाइफस्टाइल में बदलाव आ रहा है, लेकिन आने वाली जनसंख्या को देखते हुए इमारतों का निर्माण क्षैतिज रूप (Horizontal Expansion) से किया जाना चाहिए.
25 सालों में शहरी निर्माण में वृद्धि हुई
रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 और 2015 के बीच दुनिया भर में शहरी निर्माण में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है और नई इमारतों का क्षेत्रफल लगभग श्रीलंका के पूरे क्षेत्रफल के बराबर हो रहा है. बता दें विश्व बैंक की यह रिपोर्ट 10 हजार शहरों के सैटेलाइट डेटा विश्लेषण पर आधारित है.
अध्ययन के मुताबिक, गरीब देशों में लगभग 90 फीसदी नई इमारतें शहरों के किनारे बनी हैं, जबकि विकसित देशों में शहर के अंदर खाली जगहों पर लगभग 35 फीसदी इमारतों का निर्माण किया गया है.