नई दिल्ली :कोरोना वायरस महामारी से बचाव को लेकर कई पाबंदियां लगाई जा रही हैं. इनमें एक है स्कूलों को बंद किया जाना. इसी बीच लोगों के बीच ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर भी कई आशंकाएं देखी जा रही हैं. देश में अब तक ओमीक्रोन वेरिएंट से 7,743 लोग संक्रमित हो चुके हैं. एक ओर कई लोग कोरोना प्रोटोकॉल का सख्त अनुपालन, स्कूलों को बंद किया जाना और वीकएंड लॉकडाउन जैसी पाबंदियों की हिमायत कर रहे हैं. तो दूसरी ओर एक शीर्ष अधिकारी स्कूलोंं को बंद रखने के पक्ष में नहीं हैं.
स्कूलों को बंद रखने के पीछे कोई विज्ञान नहीं !
विश्व बैंक के शिक्षा निदेशक जैमे सावेद्रा (World Bank's Global Education Director Jaime Saavedra) ने कहा है कि कोविड-19 के कारण अब स्कूलों को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है. एक साक्षात्कार में विश्व बैंक के शिक्षा निदेशक ने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बच्चों के टीकाकरण की प्रतीक्षा करने का कोई मतलब नहीं है और इसके पीछे 'कोई विज्ञान' नहीं है.
जैमे सावेद्रा के अनुसार महामारी को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने का अब कोई औचित्य नहीं है और भले ही नयी लहरें आएं स्कूलों को बंद करना अंतिम उपाय ही होना चाहिए. सावेद्रा की टीम शिक्षा क्षेत्र पर कोविड-19 के प्रभाव पर नजर रख रही है. उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि स्कूलों को फिर से खोलने से कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि हुई है और स्कूल 'सुरक्षित स्थान' नहीं हैं. सावेद्रा ने कहा कि लोक नीति के नजरिए से बच्चों के टीकाकरण तक इंतजार करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इसके पीछे कोई विज्ञान नहीं है.
स्कूलों को बंद करना अंतिम उपाय
सावेद्रा ने कहा, 'स्कूल खोलने और कोरोना वायरस के प्रसार के बीच कोई संबंध नहीं है. दोनों को जोड़ने का कोई सबूत नहीं है और अब स्कूलों को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है. भले ही कोविड-19 की नयी लहरें आएं, स्कूलों को बंद करना अंतिम उपाय ही होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'रेस्तरां, बार और शॉपिंग मॉल को खुला रखने और स्कूलों को बंद रखने का कोई मतलब नहीं है. कोई बहाना नहीं हो सकता.' विश्व बैंक के विभिन्न अध्ययन के अनुसार, अगर स्कूल खोले जाते हैं तो बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम कम होता है और बंद होने की लागत बहुत अधिक होती है.
कई देशों में खोले गए स्कूल
उन्होंने कहा, '2020 के दौरान हम नासमझी में कदम उठा रहे थे. हमें अभी भी यह नहीं पता कि महामारी से निपटने का सबसे अच्छा तरीका क्या है और दुनिया के अधिकतर देशों में तत्काल स्कूलों को बंद करने के कदम उठाए गए. तब से काफी समय बीत चुका है और 2020 और 2021 से कई लहरें आ चुकी हैं और ऐसे कई देश हैं, जिन्होंने स्कूल खोले हैं.'