हैदराबाद: विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है. इस बार विश्व अस्थमा दिवस 4 मई को मनाया जाएगा. कोरोना संक्रमण के चलते अस्थमा मरीजों की चिंता लगातार बढ़ रही है क्योंकि, इन कोरोना और अस्थमा बीमारियों के लक्षण समान हैं. हालांकि, ऐसे रोगियों को ज्यादा सतर्क रहना और इनहेलर्स का उपयोग करना होगा.
बता दें, ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा, (GINA) द्वारा हर साल यह दिवस आयोजित किया जाता है. यह 1993 में स्थापित एक विश्व स्वास्थ्य संगठन सहयोगी संस्था है. कोरोना काल को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है. इस पूरे एक वर्ष में अस्थमा मरीजों को कुछ राहत मिली क्योंकि पूरे कोरोना काल में लोगों ने मास्क लगाया और प्रदूषण भी कम रहा. इस दिन अस्थमा रोगियों को अपनी बीमारी को नियंत्रण में रखने और प्रेरित करने के लिए दुनियाभर में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
वर्तमान में कोविड-19 महामारी के दौरान ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) अस्थमा से पीड़ित लोगों को अच्छी तरह से हाथ धोने, उचित सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह देता है. इसके साथ-साथ अस्थमा मरीजों को डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का उपयोग करने को भी कहता है.
अस्थमा दिवस की थीम
1: इस वर्ष विश्व अस्थमा दिवस की थीम ("Uncovering Asthma Misconceptions") है जिसका मतलब है अस्थमा से जुड़ी भ्रांति को उजागर करना और इससे संबंधी मिथ्स को दूर करना. ऐसा इसलिए क्योंकि अस्थमा पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, मगर अस्थमा अटैक को कम करने और रोकने के लिए अस्थमा को प्रबंधित करना संभव है.
2: आमतौर पर अस्थमा से संबंधित मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं.
अस्थमा को लेकर कई गलतफहमियां हैं.
1: अस्थमा एक बचपन की बीमारी है, उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह बीमारी भी बढ़ती जाती है.
2: संक्रामक है अस्थमा.
3: अस्थमा पीड़ितों को व्यायाम नहीं करना चाहिए.
4: अस्थमा को केवल उच्च खुराक स्टेरॉयड के साथ ही नियंत्रित किया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक अस्थमा किसी भी उम्र (बच्चों, किशोरों, वयस्कों और बुजुर्गों में) में हो सकता है. हालांकि, वायरल श्वसन संक्रमण (जैसे सामान्य सर्दी और फ्लू) अस्थमा के कारण बन सकते हैं. वहीं, बच्चों में अस्थमा अक्सर एलर्जी से होता है, लेकिन दमा जो वयस्कता से शुरू होता है, वह अक्सर कम एलर्जी होता है.
अस्थमा क्या है?
अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है. इस वजह से सांस वाली नलियां सिकुड़ जाती हैं.
अस्थमा 'एक प्राचीन ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ है' छोटी सांस, इसमें आपको सांस के लिए हांफना पड़ सकता है.
अस्थमा के अटैक के साथ-साथ सांस लेने में कठिनाई और घरघराहट होती है.
अस्थमा के अन्य लक्षणों में सीने में जकड़न, खांसी और सांस की तकलीफ भी शामिल हैं.