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चिनूक हेलीकॉप्टर से 41 श्रमिकों को AIIMS ऋषिकेश किया गया एयरलिफ्ट, जांच में सभी की स्थिति सामान्य

Silkyara Tunnel Rescued Workers Airlifted to AIIMS Rishikesh उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को मंगलवार को रेस्क्यू करने के बाद बुधवार को सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से चिन्यालीसौड़ से ऋषिकेश एम्स एयरलिफ्ट किया गया. ऋषिकेश एम्स में सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण हो रहा है. वहीं, देहरादून एयरपोर्ट पर एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ को तैनात कर अलर्ट मोड पर रखा गया था.

Uttarkashi Silkyara Tunnel Rescue
Uttarkashi Silkyara Tunnel Rescue

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 29, 2023, 1:16 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 5:13 PM IST

41 मजदूरों को एयरलिफ्ट कर पहुंचाया गया एम्स ऋषिकेश.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड):उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल से मजदूरों को रेस्क्यू करने के बाद चिन्यालीसौड़ हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. जिसके बाद सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बुधवार को सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स एयरलिफ्ट किया गया है. सभी मजदूरों को मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत एम्स ऋषिकेश ले जाया गया है.

गौर हो कि सिलक्यारा टनल से मजदूरों को रेस्क्यू करने के बाद उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में भर्ती किया गया था. मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत आज यानी बुधवार को मजदूरों को सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स एयरलिफ्ट किया गया है. सभी श्रमिकों को सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से एम्स हेलीपैड पर लाया गया. हेलीकॉप्टर जैसे ही एम्स हेलीपैड पर उतरा एम्स के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मोर्चा संभालते हुए फटाफट सभी मजदूरों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एंबुलेंस और व्हीलचेयर के माध्यम से वार्डों में पहुंचाया.

इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने सभी मजदूरों से एक-एक कर बातचीत की. प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने ये निष्कर्ष निकाला है कि टनल से बाहर निकालने के बाद सभी मजदूर खुश और फिट दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, किसी प्रकार की लापरवाही ना हो इसलिए उनके ब्लड सैंपल जांच के लिए गए हैं. मजदूरों की मानसिक स्थिति को देखने के लिए मनोचिकित्सकों की टीम भी अस्पताल में मौजूद है. डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी की जांच रिपोर्ट में स्वास्थ्य को लेकर कुछ कमी मिलती है तो उसका उपचार किया जाएगा, नहीं तो सभी मजदूरों को छुट्टी दे दी जाएगी. ऋषिकेश एम्स में मजदूरों के स्वास्थ्य की सघन जांच हो रही है, जिसके बाद सभी मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा.
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क्या कहता है एम्स प्रशासन:वहीं, अस्पताल प्रशासन के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि, डॉक्टरों की सभी श्रमिकों से बात हुई है. सभी 41 श्रमिकों को किसी प्रकार की कोई चोट नहीं आई है. वो किसी तरह के मानसिक तनाव में नहीं लग रहे हैं. फिर भी मनोचिकित्सकों और डॉक्टरों की टीम उनकी प्राथमिक जांच कर रही हैं. उसके बाद श्रमिकों के ब्लड टेस्ट, छाती का एक्स-रे और भी अन्य जांच होंगी. ये सब जांच पूरी होने के बाद ये तय किया जाएगा कि कौन फिट है या किसे उपचार की जरूरत है. डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की टीम द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद ही ये कहा जा सकता है कि श्रमिकों को अस्पताल में कब तक रहना होगा. फिलहाल 24 घंटे तो अस्पताल में रहना ही होगा.

बता दें कि, उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था. पहले से ही स्वास्थ्य केंद्र में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं स्थापित कर दी गई थीं. सभी 41 मजदूरों के अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों की टीम ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया. मेडिकल जांच में सभी मजदूर स्वस्थ्य थे. वहीं 17 दिन से टनल के अंदर फंसे मजदूरों को शारीरिक और मानसिक चेकअप की जरूरत थी. जिसके बाद सभी मजदूरों को ऋषिकेश एम्स एयरलिफ्ट किया गया है.
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सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन 17 दिनों बाद सकुशल संपन्न हो चुका है. प्राथमिकता के साथ सभी मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच चल रही है. मजदूरों को पौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है. टनल में फंसे रहने से मजदूरों के मन में जो निराशा के भाव या अवसाद होगा, उसे मनोचिकित्सक की मदद से उपचार किया जाएगा. वहीं सभी मजदूरों को परिजनों से बात कराई जा रही है.

Last Updated : Nov 29, 2023, 5:13 PM IST

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