नालंदा:आंध्र प्रदेश के एलुरु जिले में एक रासायनिक कारखाने में भीषण आग लगने और रिएक्टर विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 घायल हो गए. अधिकारियों ने बताया कि यह आपदा बुधवार देर रात मुसुनुरु मंडल के अक्कीरेड्डीगुडेम गांव में पोरस लैबोरेटरीज प्लांट में हुई. पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. मरने वालों में चार बिहार के नालंदा के रहने वाले (Four Workers of Nalanda Died) हैं.
बिहार के 4 मजदूरों की मौत:जानकारी के अनुसार पोरस इंडस्ट्री की यूनिट 4 में बीती रात करीब 10 बजे ब्लास्ट हुआ था, जिसके बाद भीषण आग लग गई. हादसे के वक्त 150 लोग इंडस्ट्री में काम कर रहे थे. ब्लास्ट की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया. इस घटना के बाद पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बॉयलर ब्लास्ट हादसे में मरने वाले बिहार के 4 मजदूर नालंदा जिले के रहने वाले थे. प्रशासन ने सभी चारों के नाम की घोषणा की है. मरने वाले दो मजदूर हरनौत और दो मृतक मजदूर चंडी थाना क्षेत्र के रहने वाले थे. हादसे में शिकार हुए बिहार के 4 मजदूरों के नाम इस प्रकार हैं:
- कारू रविदास-गांव नरसंडा, नालंदा
- मनोज कुमार- गांव रामसन, नालंदा
- सुवास रविदास- गांव नरसंडा, नालंदा
- हबदास रविदास- गांव बसनीमा, नालंदा
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल: हादसे की सूचना मिलने के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना की जानकारी मिलते ही चंडी अंचलाधिकारी कुमारी आंचल नरसंडा गांव पहुंचकर मृतक के परिवार से मुलाकात की. उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली हर संभव सहायता देने का भी भरोसा दिया है.
''जानकारी मिली है कि इस पंचायत से दो लोगों की मौत हो गई है और दो लोग घायल स्थिति में हैं. उन्हीं मृतक के परिवार वालों से मिलने हम आए थे. अभी कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है कि बिहार सरकार की तरफ से क्या सहायता राशि दी जाएगी. आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से भी मुआवजे की घोषणा की गई है. नालंदा जिले से कुल 4 लोगों की मौत की सूचना है. जबकि करीब 7 लोग घायल बताए जा रहे हैं.''- कुमारी आंचल, सीओ, नालंदा
बिहार सरकार से उचित मुआवजे की मांग: वहीं, चंडी प्रखंड पूर्वी जिला परिषद सदस्य निरंजन कुमार ने भी मृतक के परिवार से मुलाकात किया और सरकार से मृत परिवार के लिए मुआवजे की मांग की अब सवाल ये उठता है कि बिहार की सरकार लगातार मजदूरों के पलायन की बात करती है, लेकिन बिहार में रोजगार नहीं मिलने के कारण ही अपना पेट पालने के लिए मजदूर बाहर काम करने की ओर रुख करते हैं, जिसका नतीजा यह होता है कि अगर कहीं भी किसी तरह की अप्रिय घटना घटती है तो वहां मरने वालों में बिहार के मजदूर शामिल रहते हैं.
''हमारे क्षेत्र के लोग जीविकोपार्जन के लिए आंध्रप्रदेश में केमिकल फैक्ट्री में काम करते थे. रात में उस कंपनी में आग लग गई. जिससे यहां के 2 लोगों की मौत हो गई जबकि 2 लोग घायल हैं, जिसमें एक मुनारिक पासवान है जिनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है. जिले के कुल 4 लोगों की मौत हुई है. हम सरकार से मांग करते हैं कि इन सभी के परिवार को समुचित मुआवजा दिलाया जाए.''-निरंजन कुमार, सदस्य, जिला परिषद (पूर्वी)
घायलों का विजयवाड़ा में इलाज जारी: घायलों को विजयवाड़ा के सरकारी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है. संदिग्ध गैस रिसाव के बाद प्लांट की यूनिट-4 में लगी आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ की मदद से दमकल कर्मियों ने करीब तीन घंटे तक मशक्कत की. हादसे के वक्त प्लांट में 100 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे. जोरदार धमाका सुनकर वे सभी दहशत में आ गए.
लापरवाही के कारण हुआ हादसा!: संयंत्र फार्मास्युटिकल इंटरमीडिएट बनाता है. कुछ बचे लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है. जिला कलेक्टर प्रसन्ना वेंकटेश ने कहा कि जांच की जाएगी और लापरवाही पाए जाने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक फैक्ट्री बंद रहेगी. प्लांट को गांव से शिफ्ट करने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने गुरुवार को प्लांट के सामने धरना दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि संयंत्र से क्षेत्र में प्रदूषण हो रहा है. प्रदर्शनकारियों ने पीड़ितों के लिए न्याय और कथित लापरवाही के लिए कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कारखाने में घुसने की कोशिश की.
आंध्र प्रदेश सरकार ने किया मुआवजे का एलान:आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 25-25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. उन्होंने गंभीर रूप से घायलों को पांच-पांच लाख रुपये और अन्य घायलों को दो-दो लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को घटना की गहन जांच करने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने को कहा है.