नई दिल्ली :लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का ऐतिहासिक विधेयक गुरुवार को राज्यसभा से भी पास हो गया (womens reservation bill passed in Rajya Sabha). इस बिल के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा. सभी 214 वोट पक्ष में पड़े. लोकसभा में ये बिल पहले ही पास हो चुका है.
इससे पहले चर्चा का समापन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उच्च सदन में कहा, 'इस विधेयक से देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा होगा. यह सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच को भी दर्शाता है जो महिला सशक्तिकरण को नई ऊर्जा देगा.' उन्होंने कहा कि चर्चा में भाग लेते हुए दो दिन से (संसद में) इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा हो रही है और करीब 132 सदस्यों ने दोनों सदनों में बहुत सार्थक चर्चा की है. उन्होंने कहा, 'भविष्य में भी इस चर्चा का एक-एक शब्द हमारी आने वाली यात्रा में हम सबके काम आने वाला है, इसलिए हर बात का अपना महत्व है, मूल्य है.'
पीएम ने किया धन्यवाद, कहा-विधेयक देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा प्रदान करेगा :उन्होंने इस विधेयक का समर्थन करने के लिए सभी सदस्यों का 'हृदय से अभिनंदन और हृदय से आभार व्यक्त' किया. उन्होंने कहा कि यह जो भावना पैदा हुई है, उससे देश के जन-जन में एक आत्मविश्वास पैदा होगा. उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों एवं सभी दलों ने एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति को सम्मान एक विधेयक पारित होने से मिल रहा है, ऐसी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, यह देश की नारी शक्ति को एक नई ऊर्जा देने वाला है.
उन्होंने कहा, 'यह (नारी शक्ति) नए विश्वास के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में नेतृत्व के साथ आगे आएगी, यह अपने आप में हमारे उज्ज्वल भविष्य की गारंटी बनने वाली है.' उन्होंने सदस्यों से अपील की कि यह उच्च सदन है, जहां उत्तम स्तर की चर्चा हुई है और वे इस विधेयक पर सर्वसम्मति से मतदान कर देश को नया विश्वास दें.
महिलाओं ने दिया पीएम को धन्यवाद : 27 सालों से इस बिल के पास होने का इंतजार कर रही आम महिलाओं में भी खासी खुशी है. उन्हें उम्मीद है कि अब संसद में महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ाने से महिलाओं की आवाज और उनके अधिकार के बारे में सोचने वाली जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ जाएगी. हालांकि इस बिल के कानून बनने के लिए अभी लोकसभा परिसीमन और जनगणना बाकी है लेकिन एक बड़ा रास्ता खुल गया है ऐसे में नए पार्लियामेंट पहुंची महिलाओं ने सिर्फ इस प्रक्रिया को देखा, और बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए धन्यवाद भी दिया.
निर्मला सीतारमण बोलीं, भाजपा महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती : इससे पहलेगुरुवार को चर्चा के दौरानमहिला आरक्षण पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती. वित्त मंत्री सीतारमण ने 'संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023' पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस विधेयक का मसौदा बहुत सोच-समझकर बनाया गया है. उन्होंने कहा कि पंचायतों में 33 प्रतिशत आरक्षण का जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिला तथा कई राज्यों में यह बढ़कर पचास प्रतिशत हो गया है.
उन्होंने कहा कि यह विधेयक काफी समय से प्रतीक्षित था. उन्होंने विधेयक को लाने में वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार के शासन में नौ वर्ष लग जाने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इसको लेकर आम सहमति बनाये जाने की जरूरत है.
सीतारमण ने राज्यसभा एवं राज्यों की विधान परिषद में महिलाओं के लिए आरक्षण की कई सदस्यों की मांग पर कहा कि परोक्ष मतदान में आरक्षण प्रावधान लागू करना व्यावहारिक रूप से काफी कठिन होता है.
उन्होंने कहा कि जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात ही महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हो पाएंगी. उन्होंने कहा कि यह विधेयक कानून बनने के बाद पंद्रह वर्ष तक प्रभावी रहेगा.