नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण से संबंधित ऐतिहासिक विधेयक का बुधवार को लोकसभा में समर्थन किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है. उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले 'संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023' पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए सरकार से यह आग्रह भी किया कि तत्काल जातीय जनगणना कराई जाए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय हुई जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है.
राहुल गांधी ने विधेयक का समर्थन किया और कहा, "मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अपूर्ण बनाती है...मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था. यह बहुत जरूरी है कि भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से, महिलाओं के बड़े हिस्से की आरक्षण तक पहुंच होनी चाहिए. इस विधेयक में यही नहीं है." कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू किया जा सकता है और इसके लिए नई जनगणना एवं परिसीमन की कोई जरूरत नहीं है. उनका कहना था, "दो ऐसी चीजें है जो मुझे अजीबो-गरीब लगती हैं. एक यह कि विधेयक को लागू करने के लिए ताजा जनगणना की जरूरत बतायी गयी है. दूसरा यह कि विधेयक को लागू करने के लिए नए परिसीमन की जरूरत है. मेरा विचार है कि यह विधेयक आज ही लागू हो सकता है."