छिंदवाड़ा : हौसले बुलंद हों तो मुश्किल से मुश्किल राह भी आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा की रहने वाली रेशमा खान (MP female Auto driver Reshma Khan) के साथ हुआ है. रेशमा के पति का चार साल पहले दुर्घटना का शिकार बन गया था. जिसकी वजह से परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था. बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. घर का खर्चा चलाने के लिए रेशमा ने ऑटो चलाना शुरू (female auto driver of chhindwara MP) किया. रेशमा खान का कहना है कि उनके ऑटो चलाकर दो पैसा कमाने के बाद अब परिवार खुशहाल जिंदगी कार रहा है. वह दो बच्चों के साथ अच्छा जीवन व्यतीत कर रही हैं.
Women's day Special: बच्चों का भविष्य व परिवार की जिंदगी कुछ यूं संवार रहीं रेशमा - MP female Auto driver Reshma Khan
कोमल है, कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है. आज शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा हो जहां महिलाएं काम नहीं करती हों. हम आपको मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा की ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे (womens day special) हैं, जो बच्चों के भविष्य के लिए संघर्ष कर रही हैं.
मेहनत और ईमानदारी से चलता है घर
रेशमा खान ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई और घर ठीक से चल सके, इसलिए मैं ऑटो-रिक्शा चलाती हूं. हर कदम पर लोगों ने उनका साथ दिया. उन्होंने कभी समाज के ताने और लोगों के कहने की परवाह नहीं की, क्योंकि वह मेहनत कर अपने परिवार को बेहतरीन जिंदगी देना चाहती हैं.
बच्चों के लिए दिनभर ऑटो चलाती हैं
रेशमा खान छिंदवाड़ा सहित आसपास के नजदीकी गांव में भी ऑटो लेकर जाती हैं. हर दिन सुबह घर का काम खत्म करने के बाद रेशमा अपने बच्चों को काबिल बनाने का सपना लिये ऑटो लेकर निकलती हैं. दिनभर ऑटो चलाने के बाद फिर घर लौटती हैं. मेहनत की कमाई से परिवार खुशहाल और बच्चे अच्छी शिक्षा भी पा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि एक दिन उनके बच्चे बड़े मुकाम पर पहुंचेंगे.