चित्तौड़गढ़. ससुर और देवर की हैवानियत भरी करतूत सामने आई है. रिश्तों को तार-तार कर ससुर ने अपने बेटे के साथ पुत्रवधू को हवस का शिकार बनाया. उसकी इस जबरदस्ती से 4 बार गर्भ ठहर गया, लेकिन जब एक बच्चे को जन्म दे दिया, तो उसे मारपीट कर घर से बेदखल कर दिया. यह मामला शुक्रवार को डूंगला पुलिस थाने पहुंचा, जहां ससुर और देवर सहित 7 जनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया.
डूंगला थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक देवेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि परिवाद के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पीड़िता के आरोप के आधार पर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उनके अनुसार, फरियादी महिला का विवाह करीब 8 साल पहले प्रतापगढ़ जिले के धरियावद थाना अंतर्गत करवाया था. परिवाद के अनुसार गत वर्ष उसका पति कुवैत में काम करने चला गया.
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इसका उसके ससुर और देवर ने नाजायज फायदा उठाया तथा दोनों ने जान से मारने की धमकी देते हुए उसके साथ जबरदस्ती की. रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि इस बारे में जब सास को बताया, तो उसने भी ससुर और देवर का ही पक्ष लिया और उसकी आवाज को दबाया. उनके लगातार दुष्कर्म के चलते वह 4 बार गर्भवती हुई. उसकी ननद द्वारा धरियावद के एक हॉस्पिटल में उसका गर्भपात कराया गया, लेकिन एक बार उसने अबॉर्शन कराने से इंकार कर दिया और बच्चे को जन्म दिया.
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आरोप है कि उसके बाद से ही ससुराल पक्ष के लोगों ने मारपीट कर उसे उसके मामा के घर भेज दिया. विवाहिता ने अपनी रिपोर्ट में अपने पति को भी आरोपी बनाते हुए न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता ने बताया कि उसके बच्चे को ससुराल पक्ष के लोगों ने किसी को भेज दिया, जिसे उसके मामा द्वारा येन केन प्रकारेण वापस लाया गया. विवाहिता ने परिवार में अपनी सुरक्षा को भी खतरा बताया है.