कर्नाटक महिला नग्न परेड मामला: तीन और आरोपी गिरफ्तार, पुलिस अधिकारी निलंबित, केंद्रीय बीजेपी टीम व राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बेलगावी पहुंचीं - Inspector Sinnur suspended
कर्नाटक के बेलगावी में एक महिला के साथ प्रताड़ना के मामले में संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है. एक इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है. वहींं मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसी क्रम में बीजेपी की केंद्रीय टीम के अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बेलगावी पहुंचीं. karnataka woman naked parade case
कर्नाटक महिला नग्न परेड मामला: पुलिस अधिकारी निलंबित, केंद्रीय बीजेपी टीम बेलगावी पहुंची
बेलगावी: यहां एक महिला के साथ मारपीट करने, उसके कपड़े उतारकर उसे खंभे से बांधने के अमानवीय मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं काकती थाने के पुलिस इंस्पेक्टर विजयकुमार सिन्नुरा को निलंबित कर दिया है. शहर के पुलिस आयुक्त एसएन सिद्धारमप्पा के एक आदेश पर यह कदम उठाया गया है. मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोप है कि उन्होंने ड्यूटी में लापरवाही की. आरोप यह भी है कि सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी ने त्वरित कार्रवाई नहीं की. साथ ही इलाज कराने में भी देरी की.
हाईकोर्ट ने इस संबंध में संज्ञान लिया था और मामला दर्ज करने का आदेश किया था. साथ ही सरकार और पुलिस अधिकारियों की कड़ी आलोचना की थी. इस देखते हुए शहर के पुलिस आयुक्त एस.एन.सिद्धारमप्पा ने मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने काकती सीपीआई विजयकुमार सिन्नुरा को निलंबित कर दिया है.
बेलगाम पहुंची बीजेपी की केंद्रीय टीम:बीजेपी ने भी इस अमानवीय मामले को गंभीरता से लिया है. नई दिल्ली से सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल आज बेलगाम पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल में सांसद अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल, लॉकेट चटर्जी, रंजीता कोली, भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा शामिल है. प्रतिनिधिमंडल आज सुबह दिल्ली से बेलगाम के सांबरा हवाई अड्डे पर पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल के सदस्य जिला अस्पताल में इलाज करा रही पीड़ित महिला के स्वास्थ्य की जानकारी लेगे और फिर उस स्थान का दौरा करेगे जहां घटना हुई थी.
वहीं मीडिया से बात करते हुए सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि बेलगाम शहर से 15 किमी दूर वंतमुरी गांव में दोपहर करीब 1.30 बजे लोग घर में घुस गए, महिला को बाहर लाए और सड़क पर घुमाया. बाद में उन्होंने उसे एक खंभे से बांध दिया और उसके साथ बेरहमी से मारपीट की लेकिन घटना के दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था खराब हो चुकी है. यहां आदिवासी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जिले के प्रभारी मंत्री के गृह क्षेत्र में यह कृत्य अमानवीय है. नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री और डीजीपी बेलगाम में थे लेकिन उन्होंने वहां का दौरा नहीं किया.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने पीड़ित महिला से ली जानकारी :राष्ट्रीय महिला आयोग ने पीड़ित महिला के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जिसके साथ हमलावरों ने अमानवीय व्यवहार किया था और जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा था. राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डेलिना खोंगाडुप के नेतृत्व में एक दल ने शनिवार सुबह महिला एवं बाल विकास विभाग के सखी वन स्टॉप सेंटर का दौरा किया और पीड़िता को सांत्वना दी. डेलिना खोंगाडुप ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला को निर्वस्त्र किया गया. ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी. लोगों को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है. पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए. इस घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
राष्ट्रीय एसटी आयोग के सदस्यों ने पीड़िता के स्वास्थ्य की ली जानकारी : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्यों ने बेलगावी का दौरा किया और बेलगावी के एक गांव में अनुसूचित जनजाति महिला के साथ मारपीट मामले की पीड़िता से मुलाकात की. साथ ही घटना की सारी जानकारी जुटाई. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय उपनिदेशक आरके दुबे, वरिष्ठ अन्वेषक अमृता सोलंकी और वरिष्ठ सदस्य राधाकांत त्रिपाठी के नेतृत्व में एक टीम ने शनिवार को सखी वन स्टॉप सेंटर का दौरा किया, जहां महिला का इलाज कड़े पुलिस पहरे में किया जा रहा है.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने पीड़िता से मिलने पर अस्थायी रोक लगाई, डॉक्टर से लेनी होगी लिखित अनुमति :कर्नाटक हाई कोर्ट ने लोगों केउस महिला से मिलने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिसे बेलगाम के एक गांव में निर्वस्त्र कर घुमाया गया था. फिर बिजली के खंभे से बांध दिया गया और उसके साथ मारपीट की गई और उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. मामले में मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बालचंद्र वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने मीडिया में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और जनता के सदस्यों को मामले के संबंध में पीड़ित से मिलते देखा. इस पर कोर्ट ने शनिवार को तत्काल सुनवाई उक्त निर्देश जारी किए. कोर्ट आम तौर पर सार्वजनिक यात्राओं को प्रतिबंधित नहीं करती है. लेकिन घटना की पीड़िता दर्द से कराह रही है, ऐसे में पीड़ित से कई लोगों का मिलना और बातचीत करना उचित विकास नहीं है. ऐसे में बार-बार ज्यादा लोगों के आने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. इसके अलावा इलाज कराने में भी परेशानी होने की संभावना है. पीठ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति, जनता, संगठन, राजनीतिक दलों को आने की इजाजत न दी जाए. पीठ ने कहा कि अस्पताल में उपस्थित चिकित्सक की पूर्व लिखित अनुमति के बिना किसी को भी पीड़िता से मिलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही, पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पीड़िता के परिवार के सदस्यों, वैधानिक निकायों, आयोगों और जांच एजेंसियों के प्रतिनिधियों की यात्रा में कोई बाधा नहीं होगी.
क्या था पूरा मामला: बता दें कि कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने महिला को नग्न करने की घटना के संबंध में कार्रवाई की. इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पेश मामले में पीड़िता का बेटा उसी गांव की एक लड़की के साथ कथित रूप से भाग गई थी. इसके बाद लड़की के परिवार के सदस्यों और गांव के लोगों ने महिला को प्रताड़ित किया. लोगों ने उसकी नग्न परेड करायी और मारपीट की. बीजेपी विधायक भरत शेट्टी ने राज्य सरकार की नीतियों और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया था.